घास-फूस श्रेणी का यह पौधा पुराना होने पर छोटे पेड़ का रूप ले लेता है। बसंत के मौसम में इसकी पैदावार ज्यादा होती है। तेज पत्ते का पौधा 25 फीट तक लंबा और 6 फीट तक चौड़ा पेड़ होता है। अंडाकार और नुकीली पत्तियों की पत्तियों की लंबाई 3 इंच तक होती है। तेज पत्ते में पीले रंग के फूल और उतपत्त, यूजीनाल और आइसो यूजीनाल, तीन तरह के तेल पाए जाते हैं। तेजपत्ता अत्यंत गर्म एवं उत्तेजक होता है इसीलिए यह यौन-शक्ति वृद्घि करने में लाभदायक है।
- तेज पत्ते के असाव से पसीना आता है. यदि किसी को बुखार हो तो रोगी को इसका जल दिया जा सकता है. इससे पसीना आता है और रोगी का बुखार उतरने लगता है.
- तेजपत्ते से बना मंजन करने से पीले होते दांत मोतियों की तरह चमकने लगते है। इसके लिए सूखे तेजपत्तों को बारीक पीसकर हर तीसरे दिन इसका मंजन करना चाहिए।
- कपड़ों के बीच तेजपत्ता रखने से महंगे रेशमी, ऊनी और सूती कपड़ों में कीड़ा नहीं लगता। अनाज के बीच में 4-5 पत्ते डालने से भी यह कीड़ों से बचा रहेगा।
- नींद ज्यादा आने पर तेजपत्ते को पानी में कम से कम 6 घंटे तक भिगों दें और उठने के बाद उस पानी को पी लें। इससे आपको काफी राहत मिलेगी और नींद वाला हैंगओवर उतर जाएगा।
- चेहरे पर दाग, धब्बे या मुहांसे होने पर तेजपत्ता काफी लाभदायक होता है। तेजपत्ते का लेप या फिर तेजपत्ता डालकर उबाले गए पानी से चेहरा धोना, चेहरे को साफ और बेदाग बनाए रखने में मदद करता है।