अपराजिता का फूल – प्रकृति की अनमोल वरदान है जो पा गया वही इसकी क़ीमत जानता है

गाँव-देहात में अक्सर नीले या सफ़ेद रंग के सुंदर फूल बेल पर खिले दिखाई देते हैं। यही है अपराजिता का फूल, जिसे संस्कृत में गिरीकर्णिका, हिंदी में अपराजिता/कोयल फूल और इंग्लिश में Butterfly Pea Flower कहा जाता है। इसका नाम “अपराजिता” इसलिए पड़ा क्योंकि माना जाता है कि इस फूल से बनी पूजा या औषधि से हर कार्य में विजय (जीत) मिलती है।

आयुर्वेद, यूनानी चिकित्सा और आज की मॉडर्न साइंस – तीनों ही इस फूल को सेहत के लिए बेहद खास मानते हैं।

अपराजिता के फूल की पहचान

  • यह एक लता (climber plant) है जो दीवार, पेड़ या खंभे पर चढ़ जाती है।
  • फूल नीले, हल्के बैंगनी और सफ़ेद रंग के भी मिलते हैं।
  • इसकी पत्तियाँ हरी और गोलाकार होती हैं।
  • आयुर्वेद में इसके फूल, पत्ते, जड़ और बीज – सबका इस्तेमाल औषधि बनाने में होता है।

इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व और रसायन (Science Facts)

अपराजिता के फूल में पाए जाते हैं –

  • Anthocyanins (Ternatins): यही तत्व फूल को गहरा नीला रंग देते हैं और ये शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट हैं।
  • Flavonoids और Polyphenols: ये शरीर की कोशिकाओं को बुढ़ापे और बीमारियों से बचाते हैं।
  • Cyclotides: जिनमें एंटी-माइक्रोबियल और कैंसर-रोधी गुण पाए जाते हैं।
  • इसमें विटामिन A, C, मैग्नीशियम और आयरन भी होता है।

आयुर्वेद में इसे “मेद्य रसायन” कहा गया है यानी बुद्धि बढ़ाने वाली जड़ी-बूटी।

  • रिसर्च बताती है कि इसमें मौजूद Flavonoids दिमाग़ की नसों को शांत करते हैं।
  • याददाश्त और सीखने की क्षमता बढ़ाते हैं।
  • बच्चों और बुज़ुर्गों दोनों के लिए यह बहुत लाभकारी है।

2. तनाव और चिंता कम करता है

अपराजिता के फूल की चाय (Blue Tea) तनाव, चिंता और अनिद्रा को दूर करती है।

  • इसमें मौजूद Apigenin दिमाग़ में शांति लाने वाले रसायन को सक्रिय करता है।
  • रोज़ाना एक कप ब्लू टी पीने से नींद अच्छी आती है और मूड भी हल्का रहता है।

3. आँखों के लिए अच्छा

गाँव में लोग मानते हैं कि अपराजिता के फूल का अर्क आँखों की रोशनी बढ़ाता है।

  • साइंस भी कहती है कि इसमें मौजूद Anthocyanins आँखों की कोशिकाओं को मज़बूत करते हैं।
  • यह मोतियाबिंद और आँखों की थकान से बचाता है।

4. त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद

  • फूल का एंटीऑक्सीडेंट गुण त्वचा को झुर्रियों से बचाता है।
  • ब्लू टी पीने से चेहरे पर निखार आता है।
  • बालों की जड़ों में अपराजिता का तेल लगाने से बाल मज़बूत और लंबे होते हैं।

5. शुगर और मोटापे में मददगार

  • रिसर्च बताती है कि अपराजिता की चाय ब्लड शुगर को नियंत्रित करती है।
  • यह मेटाबॉलिज़्म तेज़ करती है जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है।

6. पाचन और पेट की समस्या में लाभकारी

  • इसके फूल और पत्तों का काढ़ा गैस, कब्ज़ और अपच में राहत देता है।
  • पेट को ठंडक पहुँचाता है और पाचन तंत्र मजबूत करता है।

7. इम्यूनिटी बढ़ाता है

  • फूल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट शरीर को बीमारियों से लड़ने की ताकत देते हैं।
  • यह फेफड़ों को मज़बूत बनाता है और सर्दी-जुकाम से बचाता है।

8. स्त्रियों की समस्याओं में उपयोगी

  • आयुर्वेद में अपराजिता को मासिक धर्म की अनियमितता में फायदेमंद बताया गया है।
  • यह गर्भाशय की सफाई करता है और महिलाओं की सेहत दुरुस्त रखता है।

9. कैंसर-रोधी गुण

  • वैज्ञानिक शोध के अनुसार, इसमें मौजूद Cyclotides और Ternatins शरीर में कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को रोकते हैं।
  • हालाँकि यह इलाज नहीं है, लेकिन सुरक्षा कवच की तरह काम कर सकता है।

10. बुखार और सूजन में राहत

  • अपराजिता की जड़ और फूल का काढ़ा बुखार में पसीना लाकर शरीर का तापमान कम करता है।
  • इसके पेस्ट को सूजन वाली जगह पर लगाने से आराम मिलता है।

अपराजिता फूल की चाय (Blue Tea) कैसे बनायें?

  1. 4–5 सूखे नीले फूल लें।
  2. एक कप पानी में उबालें।
  3. चाहें तो नींबू डालें (नींबू डालने से चाय का रंग नीले से बैंगनी हो जाएगा – ये इसका खास गुण है)।
  4. शहद डालकर पिएँ।

यह चाय बिना कैफीन की होती है, इसलिए इसे दिन में कभी भी पी सकते हैं।

सावधानियाँ

  • गर्भवती महिलाएँ इसे बिना डॉक्टर की सलाह के न लें।
  • अधिक मात्रा में पीने से कभी-कभी लो ब्लड प्रेशर हो सकता है।
  • बच्चों को कम मात्रा में ही देना चाहिए।

अपराजिता का फूल दिखने में भले ही छोटा लगे, पर इसके फायदे अपार हैं। यह दिमाग़ तेज़ करने वाला, तनाव मिटाने वाला, त्वचा-बाल संवारने वाला और बीमारियों से लड़ने वाला एक प्राकृतिक तोहफ़ा है।

गाँव की कहावत है –
“अपराजिता के फूल से पूजा हो या औषधि, हर काम सफल होता है।”
और साइंस भी मानती है कि इस फूल में एंटीऑक्सीडेंट और दवा जैसे तत्व भरे हैं।

इसलिए अगली बार जब आप नीला या सफ़ेद अपराजिता का फूल देखें, तो इसे सिर्फ़ सजावट न समझें, बल्कि प्रकृति की सच्ची दवा मानें।

नोट: यह जानकारी सामान्य है। अपराजिता फूल या इसके उत्पादों का सेवन करने से पहले डॉक्टर या स्वास्थ्य विशेषज्ञ की सलाह ज़रूर लें

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