चिरायता (कालमेघ) खाने के फायदे – देसी नुस्खा से सेहतमंद बनें

चिरायता, जिसे लोग कालमेघ भी कहते हैं, एक जड़ी-बूटी है। इसका नाम ही बताता है – “काला” और “मेघ”, यानी यह शरीर के लिए बेहद कारगर और गंदगी को साफ़ करने वाली औषधि है। पुराने वैद्य और आयुर्वेदाचार्य इसे लीवर और पाचन तंत्र के लिए वरदान मानते थे।

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चिरायता खाने के फायदे

1. लीवर के लिए फायदेमंद

चिरायता लीवर की सफ़ाई करती है। यह जिगर की गंदगी और हानिकारक तत्वों को बाहर निकालती है। अगर आपका लीवर कमजोर है या पीलिया जैसी दिक्कत है, तो चिरायता का सेवन बहुत लाभकारी है।

2. पाचन तंत्र को मज़बूत बनाए

चिरायता खाने से पाचन दुरुस्त रहता है। पेट में गैस, कब्ज़ या एसिडिटी जैसी समस्याओं में यह बेहद मददगार है।

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3. शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए

चिरायता का नियमित सेवन शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाता है। सर्दी-जुकाम, वायरल इन्फेक्शन या बुखार जैसी समस्याओं में यह फायदेमंद साबित होती है।

4. त्वचा की समस्याओं में राहत

चिरायता खून साफ़ करने में मदद करती है। इससे मुंहासे, फोड़े-फुंसी और खुजली जैसी त्वचा की दिक्कतें कम होती हैं।

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5. ब्लड शुगर और शुगर संबंधित दिक्कतों में

कुछ रिसर्च बताते हैं कि कालमेघ का सेवन ब्लड शुगर नियंत्रित करने में मदद करता है। डायबिटीज़ के मरीज इसे थोड़ी मात्रा में इस्तेमाल कर सकते हैं।

6. बुखार और इन्फेक्शन में

चिरायता में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण मौजूद हैं। यह बुखार कम करने और इन्फेक्शन से लड़ने में मदद करता है।

चिरायता का इस्तेमाल कैसे करें?

  • काढ़ा: पत्तियों और जड़ को उबालकर इसका काढ़ा पी सकते हैं।
  • पाउडर: सुखी चिरायता का पाउडर दूध या पानी के साथ लिया जा सकता है।
  • ताज़ा रस: ताज़ी जड़ी-बूटी का रस निकालकर सेवन करें।

सावधानियाँ

  • ज़्यादा मात्रा में लेने से पेट में ऐंठन या दस्त हो सकते हैं।
  • गर्भवती महिलाओं को बिना डॉक्टर की सलाह नहीं लेना चाहिए।
  • गंभीर बीमारी में हमेशा डॉक्टर से सलाह लें।

चिरायता यानी कालमेघ एक छोटा-सा पौधा है लेकिन इसके फायदे बड़े हैं। लीवर, पाचन, रोग-प्रतिरोधक क्षमता, त्वचा और ब्लड शुगर तक – हर जगह यह काम आता है। बस इसे सही मात्रा और सही तरीके से इस्तेमाल करें।

👉 नोट: किसी भी घरेलू नुस्खे या औषधीय पौधे का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर या आयुर्वेदाचार्य से सलाह लेना ज़रूरी है।

3 thoughts on “चिरायता (कालमेघ) खाने के फायदे – देसी नुस्खा से सेहतमंद बनें”

  1. There are so many differences between kalmegh and chitrayita.
    To much different one is temperate to high altitude crop and kalmegh is from tropical region yes but some medicinal uses similarities are found on both crop.

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