धतूरा सावन के महीने में सबसे ज्यादा चढ़ावे के रुप में प्रयोग किया जाने वाला फल हैं। वैसे तो आम लोगों के बीच इसे एक जहरीले फल के तौर पर देखा जाता है और इसे पूजा के अलावा और किसी काम में प्रयोग नहीं लाया जाता है। लेकिन इसका प्रयोग कई तरह की समस्याओं में किया जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि धतूरा गंजापन दूर करने में सहायक होता है। धतूरे को आमतौर पर लोग भगवान शिव की प्रिय वस्तुओं में देखते हैं लेकिन अधिकतर लोग इसके फायदों से अनजान हैं। कान दर्द से लेकर गंजापन दूर करने में धतूरे से बनी औषधियां प्रयोग में लाई जाती हैं।
गठिया में धतूरा के पंचाग का स्वरस निकालकर उसको तिल के तेल में पकाकर, जब तेल शेष रह जाये, तो इस तेल की मालिश करके ऊपर धतूरा के पत्ते बांधने से गठिया वाय का दर्द नष्ट हो जाता है इस तेल का लेप करने से सूखी खुजली और गठिया में लाभ होता है। जोड़ों के दर्द में धतूरा के सत का आधी ग्रेन की मात्रा में तीन बार सेवन करने से लाभ होता है। धतूरा के पत्रों के लेप से या धतूरा के पत्तों की पुल्टिस से गठिया और हड्डी के दर्द में आराम मिलता है।
अगर बवासीर के परेशान हैं तो ये इसके इलाज में भी कारगर है। धतूरे के पत्ते और फूलों को जलाकर इसके धुएं से बवासीर के मस्सों की सिकाई की जाती है।
कान दर्द होने पर 250 मिलीग्राम सरसों का तेल, 60 मिलीग्राम गंधक और 500 ग्राम धतूरे के पत्तों को धीमी आंच पर पकाएं। इसके बाद इस तेल की 2 बूंदें कान में डालें। इससे कान का दर्द तुरंत गायब हो जाएगा।
गर्भधारण में धतूरा के फलों के चूर्ण को 1/4 ग्राम की मात्रा में विषम भाग घी और शहद के साथ चटाने से गर्भधारण में धतूरे की मदद मिलती है।