मकोय खाने के फायदे: लिवर और पीलिया के लिए आयुर्वेदिक औषधि

पीलिया की समस्या में मकोय का रस बहुत असरदार माना गया है। इसके ताज़े पत्तों का रस निकालकर सुबह खाली पेट थोड़ा-सा लेने से लीवर पर दबाव कम होता है और शरीर से पीलापन धीरे-धीरे दूर होने लगता है। गाँवों में तो पीलिया का घरेलू इलाज मकोय को ही माना जाता है।

मकोय, जिसे लोग काली मकोय, काकामाची या Black Nightshade (Solanum nigrum) भी कहते हैं, एक जंगली पौधा है। गाँव-देहात में यह खेतों और बगीचों में अपने आप उग जाता है। छोटे-छोटे काले फलों वाला यह पौधा दिखने में साधारण जरूर है, लेकिन इसमें छुपे औषधीय फायदे असाधारण हैं। आयुर्वेद में मकोय को लीवर, पेट और त्वचा की कई बीमारियों का इलाज माना गया है।

मकोय क्या है?

मकोय का पौधा छोटा होता है और इसमें हरे पत्ते और छोटे-छोटे काले रंग के फल लगते हैं। ये फल अंगूर जैसे गुच्छों में दिखाई देते हैं। मकोय को कई जगह लोग जंगली सब्ज़ी के रूप में भी खाते हैं। आयुर्वेद के अनुसार मकोय का इस्तेमाल रस, काढ़ा और पत्तों के लेप तक में किया जाता है।

मकोय खाने के फायदे

1. लीवर को मजबूत बनाए

मकोय का सबसे बड़ा फायदा लीवर के लिए है। पीलिया, हेपेटाइटिस और लीवर की सूजन जैसी समस्याओं में मकोय का रस बेहद लाभकारी माना जाता है। यह लीवर को साफ करता है और उसकी कार्यक्षमता बढ़ाता है।
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2. पाचन तंत्र सुधारे

अगर पेट में गैस, कब्ज़ या एसिडिटी की समस्या है तो मकोय का सेवन राहत देता है। इसके पत्ते और फलों का रस पाचन तंत्र को दुरुस्त करता है और भूख भी बढ़ाता है।

3. त्वचा रोगों में असरदार

फोड़े-फुंसी, दाद-खाज और खुजली जैसी समस्याओं में मकोय के पत्तों का लेप लगाया जाता है। यह त्वचा की जलन को कम करता है और घाव भरने में मदद करता है।
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4. बुखार और दर्द में राहत

मकोय का रस शरीर का तापमान संतुलित करता है, जिससे बुखार में आराम मिलता है। सिरदर्द और जोड़ों के दर्द में भी इसका सेवन फायदेमंद माना जाता है।

5. पीलिया में फायदेमंद

पीलिया की समस्या में मकोय का रस बहुत असरदार माना गया है। इसके ताज़े पत्तों का रस निकालकर सुबह खाली पेट थोड़ा-सा लेने से लीवर पर दबाव कम होता है और शरीर से पीलापन धीरे-धीरे दूर होने लगता है। गाँवों में तो पीलिया का घरेलू इलाज मकोय को ही माना जाता है।

6. सूजन और गठिया में फायदेमंद

मकोय में सूजन कम करने की क्षमता होती है। गठिया और गाउट जैसी बीमारियों में यह राहत देता है।

7. मूत्र संबंधी दिक्कतों में आराम

अगर पेशाब में जलन हो या बार-बार पेशाब आता हो तो मकोय का काढ़ा पीना लाभकारी है। यह शरीर को डिटॉक्स भी करता है।
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8. इम्यूनिटी को मजबूत करे

मकोय में पाए जाने वाले एंटी-ऑक्सीडेंट शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं। इससे सर्दी-जुकाम और इंफेक्शन से बचाव होता है।

9. पेट के अल्सर में लाभकारी

मकोय का सेवन पेट और आंतों के अल्सर में आराम देता है। यह घाव भरने और सूजन कम करने में मदद करता है।

10. खून को साफ करे

मकोय खून को साफ करने का काम करता है। इसके सेवन से चेहरे पर निखार आता है और त्वचा स्वस्थ रहती है।

मकोय का इस्तेमाल कैसे करें?

  • मकोय के पत्तों का रस सुबह खाली पेट लिया जा सकता है।
  • इसके फलों को उबालकर सब्ज़ी की तरह खाया जाता है।
  • मकोय के पत्तों का लेप त्वचा रोगों पर लगाया जाता है।
  • इसका काढ़ा भी कई बीमारियों में पिया जाता है।

सावधानियाँ

  • मकोय का सेवन हमेशा सीमित मात्रा में करें।
  • ज़्यादा मात्रा में लेने से पेट दर्द या उल्टी जैसी दिक्कत हो सकती है।
  • बच्चों और गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं करना चाहिए।

निष्कर्ष

मकोय भले ही एक साधारण जंगली पौधा लगे, लेकिन इसके फायदे असाधारण हैं। यह लीवर, पेट, त्वचा, आँखें, दर्द, इम्युनिटी और खून – लगभग हर हिस्से के लिए फायदेमंद है। अगर इसे सही तरीके और सही मात्रा में इस्तेमाल किया जाए, तो यह कई बीमारियों से बचाव में मदद कर सकता है।


👉 नोट – किसी भी घरेलू नुस्खे या जड़ी-बूटी का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर या योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सलाह ज़रूर लें।

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