दोस्तों, पथरचट्टा यानी Kidney Stone। नाम सुनते ही ज्यादातर लोगों के चेहरे पर डर या चिंता आ जाती है। सच में यह दर्दनाक होता है, लेकिन आयुर्वेद में इसे सही मात्रा और सही तरीके से लेने पर शरीर के लिए कई फायदे भी मिल सकते हैं। थोड़ी सावधानी और सही जानकारी से पथरचट्टा हमारे स्वास्थ्य के लिए वरदान साबित हो सकता है।
पथरचट्टा क्या है?
पथरचट्टा सिर्फ Kidney Stone ही नहीं है। आयुर्वेद में इसे एक खनिजयुक्त पदार्थ माना गया है। इसे पाउडर या तैयार मिश्रण के रूप में लिया जाता है। इसमें कैल्शियम और कुछ अन्य जरूरी खनिज पाए जाते हैं। आयुर्वेद के अनुसार यह शरीर की सफाई, मूत्र प्रणाली सुधार, पाचन दुरुस्त और हड्डियों की मजबूती के लिए बहुत फायदेमंद है।
पथरचट्टा खाने के फायदे
- मूत्र प्रणाली को मजबूत बनाए
पथरचट्टा सबसे पहले किडनी और ब्लैडर पर असर करता है। यह पेशाब की गंदगी और बैक्टीरिया बाहर निकालने में मदद करता है। नियमित सेवन से पेशाब में जलन, बार-बार पेशाब आने या यूरिनरी इंफेक्शन की समस्या कम हो जाती है।
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सही मात्रा में लेने से मूत्र में खनिजों का संतुलन बना रहता है और बार-बार स्टोन बनने की संभावना कम हो जाती है। बार-बार स्टोन की समस्या वाले लोग इसे आयुर्वेद में रामबाण मानते हैं। - पाचन शक्ति बढ़ाए
पथरचट्टा पेट की हाजमी प्रक्रिया को दुरुस्त करता है। कब्ज, गैस और अपच जैसी समस्याओं को कम करता है। इसे लेने के बाद पेट हल्का और आराम महसूस होता है।
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इसमें मौजूद कैल्शियम हड्डियों और दांतों को मजबूत करता है। लंबे समय तक लेने से शरीर में सहनशक्ति बढ़ती है और बुजुर्गों में हड्डियों की कमजोरी कम होती है। - रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए
सही मात्रा में लेने से शरीर की इम्यूनिटी मजबूत होती है। यह सर्दी-जुकाम और छोटे-मोटे संक्रमण से बचाने में मदद करता है। - दर्द और सूजन कम करे
पथरचट्टा शरीर में जमा विषैले तत्वों को बाहर निकालता है और सूजन घटाने में मदद करता है। जो लोग पुरानी सूजन या जोड़ों के दर्द से परेशान हैं, उनके लिए यह बहुत फायदेमंद है। - त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद
यह शरीर की अंदरूनी सफाई करता है। इसके सेवन से त्वचा चमकदार और बाल मजबूत बने रहते हैं। आयुर्वेद में इसे शरीर की ऊर्जा और अंदरूनी सफाई के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण माना गया है।
पथरचट्टा खाने का तरीका
- रूप और तैयारी: पाउडर या तैयार मिश्रण के रूप में मिलता है। हमेशा भरोसेमंद स्रोत से लें।
- सही मात्रा: रोजाना लगभग 1/4 या 1/2 चम्मच पर्याप्त है। ज्यादा लेने से उल्टी, दस्त या पेट दर्द हो सकता है।
- सही समय: सुबह खाली पेट लेना सबसे अच्छा है। पेट कमजोर हो तो गुनगुने पानी या दूध के साथ ले सकते हैं।
- सेवन का तरीका: पाउडर को पानी, दूध या शहद में मिलाकर धीरे-धीरे पिएं। साथ में दिनभर खूब पानी पीना जरूरी है।
- खाने की अवधि: आमतौर पर 15-30 दिन तक लिया जाता है, फिर विशेषज्ञ से जांच कर आगे की योजना बनाएं।
सावधानियाँ
- गर्भवती महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग बिना सलाह न लें।
- जिनको किडनी की गंभीर समस्या या यूरिनरी इंफेक्शन है, उन्हें डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।
- सेवन के दौरान पेट दर्द, उल्टी या दस्त होने पर तुरंत बंद करें।
- हल्का, पाचक और संतुलित भोजन के साथ ही पथरचट्टा लें।
दोस्तों, पथरचट्टा (Kidney Stone) सही मात्रा और तरीके से लेने पर शरीर के लिए बहुत फायदेमंद है। यह मूत्र प्रणाली की सफाई, पाचन सुधार, हड्डियों की मजबूती, इम्यूनिटी बढ़ाने और दर्द कम करने में मदद करता है। लेकिन गलत मात्रा या बिना सलाह के सेवन नुकसानदायक हो सकता है।
डिस्क्लेमर:
पथरचट्टा या किसी भी औषधीय पदार्थ का सेवन केवल डॉक्टर या योग्य आयुर्वेदाचार्य की सलाह लेने के बाद ही करे