सर्दियों में जब बाजार में हरे-हरे साग दिखने लगते हैं तो उनमें एक नाम जरूर आता है – बथुआ। गाँव में तो लोग इसे बहुत ही आम समझते हैं, कई बार तो खेतों में खुद-ब-खुद उग आता है। लेकिन बच्चों, ये मामूली दिखने वाला साग असल में सेहत का बड़ा खजाना है।
आजकल साइंस भी मानती है कि बथुआ बहुत पौष्टिक (nutritious) है। इसमें विटामिन A, विटामिन C, कैल्शियम, आयरन, फॉस्फोरस और फाइबर खूब मात्रा में पाया जाता है। मतलब ये शरीर को अंदर से ताक़त देता है, खून बढ़ाता है और बीमारियों से लड़ने की ताकत भी देता है।
1. पेट की सफाई और पाचन ठीक करे
आजकल की भागदौड़ वाली जिंदगी में सबसे बड़ी दिक्कत है – पेट। कब्ज, गैस, एसिडिटी, अपच – ये सब बहुत आम हो गया है। बथुआ यहाँ रामबाण है। इसमें फाइबर ज्यादा होता है, जो आँतों की सफाई करता है। साइंस कहती है कि फाइबर से पेट की मूवमेंट (bowel movement) अच्छी होती है, जिससे कब्ज दूर होता है। पुराने लोग भी कहते थे – “बथुआ खाओगे तो पेट चाक-चौबंद रहेगा।”
2. खून की कमी दूर करे और खून साफ रखे
आजकल खासकर औरतों और लड़कियों में खून की कमी (एनीमिया) बहुत देखने को मिलती है। बथुआ में आयरन भरपूर होता है, जो खून में हीमोग्लोबिन बढ़ाता है। इसके अलावा इसमें क्लोरोफिल होता है, जो खून को साफ करता है। गाँव में दादी-नानी यही बोला करती थीं – “बथुआ खाओ, खून चमकाओ।”
3. हड्डियों और दाँतों के लिए फायदेमंद
बथुए में कैल्शियम और फॉस्फोरस दोनों खूब मात्रा में होते हैं। साइंस कहती है कि ये दोनों मिनरल हड्डियों और दाँतों को मजबूत बनाने के लिए जरूरी हैं। जो बच्चे बथुआ खाते हैं, उनकी हड्डियाँ जल्दी मजबूत होती हैं। बुजुर्गों के लिए भी ये बढ़िया है, क्योंकि इससे जोड़ों का दर्द और घुटनों की कमजोरी कम होती है।
4. आँखों की रोशनी बढ़ाए
आजकल मोबाइल और लैपटॉप की वजह से बच्चों की आँखें बहुत कमजोर हो रही हैं। बथुआ इसमें मदद करता है, क्योंकि इसमें विटामिन A और बीटा-कैरोटीन होता है। साइंस के अनुसार ये पोषक तत्व आँखों की रौशनी तेज करते हैं और नाइट ब्लाइंडनेस जैसी बीमारी से बचाते हैं। गाँव में तो कहा जाता है – “बथुआ खाओगे तो आँखों में चमक आ जाएगी।”
5. लीवर को दुरुस्त रखे और पीलिया में फायदेमंद
बथुआ लीवर की सफाई करता है। साइंटिफिक रिसर्च बताती है कि इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स लीवर को हेल्दी रखते हैं और टॉक्सिन बाहर निकालते हैं। पुराने जमाने में जब किसी को पीलिया हो जाता था, तो बथुए का रस पिलाया जाता था। ये देसी नुस्खा आज भी कई जगह अपनाया जाता है।
6. वजन घटाने में मददगार
जिन्हें मोटापा कम करना है, उनके लिए बथुआ बहुत फायदेमंद है। इसमें कैलोरी बहुत कम है, लेकिन पोषण ज्यादा। साइंस कहती है कि लो-कैलोरी और हाई-फाइबर डाइट से वजन कम करने में मदद मिलती है। बथुआ पेट भी भरता है और मोटापा भी कंट्रोल करता है।
7. स्किन और बालों के लिए अच्छा
बथुआ खाने से सिर्फ शरीर ही नहीं, बल्कि स्किन और बाल भी हेल्दी रहते हैं। इसमें विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट्स हैं, जो स्किन को ग्लो देते हैं और झुर्रियाँ कम करते हैं। इसके अलावा बथुए का रस लगाने से स्किन के दाने और खुजली कम हो जाती है।
बथुआ खाने के तरीके
अब सवाल ये है कि इसे खाएँ कैसे? तो बच्चों, बथुआ खाने के कई मजेदार देसी तरीके हैं:
- बथुए का साग – सरसों या पालक में मिलाकर बनाओ, स्वाद गजब का आता है।
- बथुए के पराठे – आटे में गूँथकर बनाओ, मक्खन या दही के साथ खाओ, मजा दोगुना।
- बथुए का रायता – उबले हुए बथुए को दही में डालो, नमक-मसाला डालो, जबरदस्त टेस्ट।
- बथुए का सूप – हल्का, हेल्दी और डाइटिंग वालों के लिए सही।
तो बच्चों, बथुआ कोई साधारण साग नहीं बल्कि पूरा हेल्थ पैकेज है। इसमें साइंस भी यही मानती है कि इसमें विटामिन और मिनरल्स इतने ज्यादा हैं कि ये शरीर को ताक़त देता है, बीमारियों से बचाता है और चेहरे पर निखार लाता है।
गाँव में इसे अक्सर गरीबों का साग बोलते हैं, लेकिन सच्चाई ये है कि ये अमीरों से अमीर दवा से भी ज्यादा काम करता है।