आजकल लोगों में आंखों से जुड़ी समस्या बहुत तेजी से बढ़ रही है कई लोगों को एक आंख से धुंधला या कमजोर दिखाई देने की समस्या होती है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इसके पीछे का कारण Anisometropia (एनोमीट्रोपिया) हो सकता है? यह एक सामान्य दृष्टि समस्या है, जिसमें दोनों आंखों में अपवर्तक शक्ति (refractive power) में अंतर होता है।

Anisometropia क्या है?
Anisometropia एक नेत्र विकार की समस्या है जिसमें व्यक्ति की दोनों आंखों में दृष्टि दोष (refractive error) असमान होता है। इसका मतलब यह है कि एक आंख सामान्य या हल्की कमजोर हो सकती है, जबकि दूसरी आंख में अधिक नंबर हो सकता है। यह समस्या बच्चे और वयस्क दोनों को प्रभावित कर सकती है और समय पर इलाज न करने पर आलसी आंख (Amblyopia) का कारण बन सकती है।
Anisometropia के प्रकार
1. Simple Anisometropia – एक आंख में अपवर्तन दोष होता है, जबकि दूसरी सामान्य होती है।
2. Compound Anisometropia – दोनों आंखों में एक जैसा अपवर्तन दोष होता है, लेकिन उसकी डिग्री अलग-अलग होती है।
3. Mixed Anisometropia – एक आंख में निकट दृष्टि दोष (myopia) और दूसरी में दूर दृष्टि दोष (hyperopia) होता है।
Anisometropia होने के मुख्य कारण
आनुवंशिकता (Genetics) – यदि परिवार में किसी को यह समस्या है तो यह पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ती जाती है और दूर नहीं होती है।
आंखों की अपवर्तन प्रणाली में असमानता – कॉर्निया या लेंस की बनावट में भिन्नता से यह समस्या हो सकती है।
बचपन में अपवर्तन दोष की अनदेखी – यदि बचपन में ही किसी आंख में नंबर बढ़ रहा है और इलाज नहीं किया जाता, तो यह समस्या गंभीर हो सकती है और परेशानी बढ़ा सकती है।
सर्जरी या चोट (Eye Surgery/Trauma) – किसी आंख की सर्जरी या चोट लगने से भी अपवर्तन दोष में असमानता हो सकती है।
Anisometropia के लक्षण
अगर आपको या आपके बच्चे को ये लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत नेत्र डॉक्टर से संपर्क करें:
✔ एक आंख से धुंधला दिखना
✔ आंखों में तनाव और थकान महसूस होना
✔ लंबे समय तक स्क्रीन देखने में परेशानी
✔ डबल विजन (Double Vision) होना
✔ सिरदर्द और चक्कर आना
✔ आंखों के बीच तालमेल में दिक्कत (Depth Perception Issue)
Anisometropia का उपचार
अगर समय पर इसका इलाज न किया जाए तो यह समस्या बढ़ सकती है। यहां पर हम आपको प्रमुख उपचार बता रहे है:
1. चश्मा और कॉन्टैक्ट लेंस
विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए लेंस से दोनों आंखों के बीच के अंतर को संतुलित किया जाता है।
कॉन्टैक्ट लेंस कई मामलों में चश्मे से अधिक प्रभावी होते हैं क्योंकि वे दृष्टि में अचानक परिवर्तन नहीं लाते।
2. लेसिक सर्जरी (LASIK Surgery)
जिन लोगों को चश्मा या लेंस पसंद नहीं है, उनके लिए LASIK और PRK जैसी प्रक्रियाएं एक अच्छा विकल्प हो सकती हैं।
3. विजन थेरेपी (Vision Therapy)
अगर आप विशेष प्रकार के नेत्र व्यायाम करते है तो आंखों की मांसपेशियों और दृष्टि क्षमता को सुधारने में मदद कर सकते हैं।
4. पैचिंग थेरेपी (Patching Therapy)
छोटे बच्चों में यदि एक आंख कमजोर हो जाती है, तो मजबूत आंख पर पैच लगाकर कमजोर आंख को ज्यादा काम करने के लिए प्रेरित किया जाता है।
Anisometropia को रोकने के लिए टिप्स
✔ बचपन में ही आंखों की जांच कराएं और समय-समय पर आई टेस्ट करवाते रहें।
✔ डिजिटल स्क्रीन के अधिक उपयोग से बचें और “20-20-20 रूल” अपनाएं (हर 20 मिनट बाद 20 सेकंड के लिए 20 फीट दूर देखें)।
✔ अच्छी रोशनी में पढ़ाई करें और पोषण से भरपूर आहार लें।
निष्कर्ष
यदि आपको या आपके बच्चे को एक आंख से धुंधला दिखता है या नजर में अंतर महसूस होता है, तो इसे नजरअंदाज न करें। Anisometropia एक सामान्य लेकिन गंभीर समस्या हो सकती है, जो समय पर इलाज से ठीक की जा सकती है। नियमित रूप से नेत्र परीक्षण कराना और सही उपचार अपनाना दृष्टि को स्वस्थ बनाए रखने में सहायक हो सकता है।
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