भारत में सुबह की शुरुआत अगर किसी चीज़ से होती है तो वो है चाय। दफ़्तर जाने वाले हों या खेत-खलिहान में काम करने वाले, सबकी थकान मिटाने का सबसे आसान उपाय है एक गरमा-गरम प्याला चाय। लेकिन मज़ेदार चाय बनाने के लिए सिर्फ़ पत्ती और दूध डाल देना काफ़ी नहीं, सही समय तक पकाना और सही मात्रा में डालना भी ज़रूरी है। तो चलिए, आज आपको बताते हैं चाय बनाने का देसी और असली तरीका।
चाय बनाने का देसी तरीका
- पानी गरम करो – सबसे पहले ताज़ा पानी पतीली में डालो और गैस पर रख दो। – पानी जितना साफ़ होगा, चाय का स्वाद उतना ही अच्छा आएगा।
 - चाय पत्ती डालो – पानी हल्का उबालते ही एक कप चाय के लिए बस 1 छोटा चम्मच पत्ती डाल दो। – ज़्यादा पत्ती डालोगे तो चाय कड़वी हो जाएगी।
 - मसाले और चीनी डालो – इलायची, अदरक या दालचीनी डालना चाहो तो इस वक्त डालो। – चीनी स्वाद के हिसाब से डालो।
 - अब दूध डालो – आधा कप पानी में आधा कप दूध का अनुपात सबसे बढ़िया रहता है। – यही बैलेंस चाय को मज़ेदार बनाता है।
 - धीमी आँच पर पकाओ – चाय उबाल आने के बाद बस 2–3 मिनट तक धीमी आँच पर पकाओ। – ज़्यादा देर उबालने से चाय की खुशबू और स्वाद दोनों बिगड़ जाते हैं।
 - छान लो और मज़े से पीओ – अब छलनी से छानकर गरमा-गरम चाय पीओ।
 
कितनी देर पकानी चाहिए चाय?
- दूध वाली चाय – 2 से 3 मिनट
 - ब्लैक टी या ग्रीन टी – 1 से 2 मिनट
👉 याद रखो, चाय को 5 मिनट से ज़्यादा उबालना ग़लती है। इससे टैनिन नाम का तत्व ज़्यादा निकलता है, चाय कड़वी हो जाती है और पेट पर भी भारी पड़ती है। 
कितनी चाय पीनी चाहिए?
- दिनभर में 2–3 कप चाय बिल्कुल ठीक है।
 - इससे ज़्यादा पीओगे तो कैफ़ीन की वजह से नींद और पाचन पर असर डाल सकती है।
 
सही चाय के फायदे
- थकान मिटाकर दिमाग़ ताज़ा करती है।
 - पाचन अच्छा रखती है।
 - ब्लैक और ग्रीन टी शरीर को साफ करती हैं।
 - अदरक वाली चाय सर्दी-जुकाम में राहत देती है।
 
चाय बनाते वक्त ये ग़लतियाँ न करो
- बहुत ज़्यादा पत्ती डालना।
 - चाय को 5–10 मिनट तक उबालते रहना।
 - चीनी ज़रूरत से ज़्यादा डालना।
 
आख़िरी बात
चाय का मज़ा तभी आता है जब उसे सही ढंग से बनाया जाए। दूध वाली चाय हो तो 2–3 मिनट और बिना दूध वाली हो तो बस 1–2 मिनट पकाओ। बस इतना सा ध्यान रखो और फिर देखो – चाय पीने वाला हर बार यही कहेगा, “वाह, क्या चाय बनाई है!”