भाई, आलू तो सबका चहेता है। चाहे पराठा बनाओ, सब्ज़ी बनाओ या फिर समोसा-चिप्स तलो, बिना आलू सब अधूरा लगता है। पर क्या कभी ध्यान दिया है कि कभी-कभी आलू के छिलके पर हरा रंग आ जाता है?
कई लोग सोचते हैं – “अरे कोई बात नहीं, छीलकर खा लो, पकाने से सब ठीक हो जाएगा।”
पर असलियत ये है कि हरा आलू खतरनाक ज़हर है। इसे खाने से फायदा नहीं, सिर्फ नुकसान ही नुकसान है।
हरा आलू बनता कैसे है?
देखो जी, आलू ज़्यादा देर तक धूप या रोशनी में रखा रह जाए तो उसका रंग हरा पड़ जाता है।
ये हरा रंग क्लोरोफिल की वजह से आता है। क्लोरोफिल तो नुकसान नहीं करता, पर इसके साथ-साथ एक ज़हरीला तत्व सोलानिन भी बनने लगता है। यही असली खतरा है।
- धूप में पड़ा आलू हरा होगा।
- बहुत दिन से रखा आलू अंकुर देगा और हरा हो जाएगा।
- नमी वाली जगह में आलू रखने से भी हरा पड़ने लगता है।
इसमें ज़हर क्या होता है?
हरे आलू में सोलानिन और चाकोनीन नाम के जहरीले तत्व बनते हैं। ये शरीर में जाते ही बवाल काट देते हैं – मतलब पेट से लेकर दिमाग तक गड़बड़।
हरे आलू खाने के नुकसान
- पेट की गड़बड़ – उल्टी, दस्त, गैस और पेट दर्द।
- सर पर असर – चक्कर, सिरदर्द, बेचैनी।
- खून खराबा – खून की लाल कोशिकाओं को नुकसान।
- गंभीर हालात – ज़्यादा खा लिया तो सांस फूलना, धड़कन बिगड़ना, बेहोशी तक आ सकती है।
- बच्चों और गर्भवती औरतों के लिए तो डबल खतरा है।
पकाकर खाने से खतरा टलता है क्या?
ना भाई, ये सबसे बड़ा धोखा है।
उबाल लो, फ्राई कर लो, भून लो – सोलानिन कहीं नहीं जाएगा। वो जहर अंदर ही रहेगा।
हरा आलू क्यों बिल्कुल भी लाभकारी नहीं है?
सामान्य आलू तो कार्बोहाइड्रेट, विटामिन और पोटैशियम से भरा होता है।
पर हरा आलू?
उसमें मौजूद सोलानिन सारे फायदों की वाट लगा देता है। मतलब पोषण शून्य और नुकसान सौ गुना।
गलती से खा लिया तो क्या करें?
- पानी खूब पियो, ताकि जहर शरीर से निकले।
- अगर उल्टी आ रही है तो मत रोको, यही शरीर का तरीका है जहरीली चीज़ बाहर निकालने का।
- लक्षण बढ़ जाएँ (जैसे चक्कर, तेज पेट दर्द, लगातार उल्टी), तो तुरंत डॉक्टर को दिखाओ।
- बेहोशी या सांस की दिक्कत हो तो सीधे अस्पताल दौड़ लगाओ।
हरे आलू से बचाव कैसे करें?
- आलू को हमेशा ठंडी और अंधेरी जगह में रखो।
- प्लास्टिक बैग में मत भरो, उसमें नमी से आलू जल्दी बिगड़ जाएगा।
- जो आलू हरे या अंकुरित हों, उन्हें तुरंत अलग कर दो।
- ज़्यादा दिन के लिए ढेर सारा आलू मत खरीदो।
- हमेशा ताज़ा आलू ही घर लाओ।
कुछ आम गलतफहमियाँ और सच्चाई
- गलतफहमी: छिलका उतारकर हरा आलू खा सकते हैं।
सच: सोलानिन आलू के अंदर तक पहुंच जाता है, सिर्फ छिलका उतारने से कुछ नहीं होगा। - गलतफहमी: फ्राई या उबालकर खा सकते हैं।
सच: ज़हर गर्मी से नष्ट नहीं होता। - गलतफहमी: थोड़ा सा खा लो तो हानि नहीं।
सच: बच्चों और कमजोर लोगों को थोड़ी मात्रा भी भारी पड़ सकती है।
आखिर में नसीहत
भाई, बात साफ है –
आलू खाओ, मज़े से खाओ, पर हरे आलू से हमेशा दूर रहो।
ये सेहत का दुश्मन है, फायदा ज़रा भी नहीं।
याद रखो, हरे आलू की जगह ताज़ा और साफ-सुथरा आलू ही सही साथी है।