भाई, शिलाजीत का नाम तो तुमने सुना ही होगा। गाँव-देहात में बड़े-बुज़ुर्ग इसे “पहाड़ का अमृत” या “पहाड़ का रस” कहते थे। ये कोई साधारण चीज़ नहीं है, बल्कि हिमालय और बड़े-बड़े पहाड़ों से निकलने वाला काला-भूरा गाढ़ा रस है। जब गर्मियों में बर्फ पिघलती है, तो चट्टानों की दरार से ये धीरे-धीरे टपककर बाहर आता है। देखने में थोड़ा चिपचिपा, गाढ़ा और कड़वा-सा होता है, लेकिन इसके फायदे इतने बड़े हैं कि आयुर्वेद में इसे अमृत तुल्य बताया गया है।
शिलाजीत क्या होता है?
सीधे-सपाट भाषा में कहें तो शिलाजीत पहाड़ों की मिट्टी, जड़ी-बूटियाँ और वनस्पतियों के हज़ारों साल दबने और गलने-सड़ने से बना हुआ एक प्राकृतिक खनिज-रस है। जब ये पदार्थ पहाड़ों के अंदर दबे रहते हैं तो धीरे-धीरे उनसे ये गाढ़ा रस तैयार होता है। यही शिलाजीत कहलाता है।
इसमें 80 से भी ज्यादा खनिज और पोषक तत्व पाए जाते हैं। सबसे खास है फुल्विक एसिड, जो शरीर में ताक़त और रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। इसके अलावा इसमें आयरन, मैग्नीशियम, पोटैशियम, जिंक, कॉपर जैसे ज़रूरी खनिज भी मिलते हैं।
शिलाजीत के फायदे
1. थकान मिटाए, ताक़त बढ़ाए
आजकल भाग-दौड़ भरी ज़िंदगी में लोग जल्दी थक जाते हैं। ऑफिस का काम, घर की जिम्मेदारी या खेत-खलिहान का बोझ – शरीर थककर टूट जाता है। ऐसे में शिलाजीत शरीर को नया जोश देता है। इसे खाने से थकान दूर होती है और इंसान दिनभर चुस्त बना रहता है। गाँव के लोग मज़ाक में कहते थे – “शिलाजीत खाओ, बैल जैसी ताक़त पाओ।”
2. मर्दों के लिए खास वरदान
शिलाजीत को मर्दों का टॉनिक भी कहा जाता है। ये यौन कमजोरी को दूर करता है और प्रजनन क्षमता को बढ़ाता है। पुराने समय में बुज़ुर्ग नवविवाहितों को दूध में शिलाजीत मिलाकर देते थे ताकि शरीर मजबूत और ताक़तवर बना रहे। आयुर्वेद में इसे वीर्यवर्धक बताया गया है।
3. हड्डियों और जोड़ों को मजबूत बनाए
जिनको गठिया, कमर दर्द या घुटनों का दर्द रहता है, उनके लिए शिलाजीत बहुत फायदेमंद है। इसमें मौजूद खनिज हड्डियों को मजबूत बनाते हैं और जोड़ों के दर्द में आराम पहुँचाते हैं। गाँव की औरतें भी बुज़ुर्गों को शिलाजीत देती थीं ताकि उनकी हड्डियाँ कमजोर न हों।
4. दिमाग तेज़ करे, याददाश्त बढ़ाए
आजकल की पढ़ाई-लिखाई और कामकाज में दिमाग पर बहुत बोझ रहता है। बच्चों से लेकर बड़े तक सब भूलने की बीमारी से परेशान रहते हैं। शिलाजीत दिमाग की नसों को मज़बूती देता है और याददाश्त को तेज करता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट दिमाग की कोशिकाओं को सुरक्षित रखते हैं।
5. खून की कमी दूर करे
जिन लोगों के चेहरे पर पीलापन है, कमजोरी रहती है या चक्कर आते हैं – ये सब खून की कमी यानी एनीमिया के लक्षण हैं। शिलाजीत में आयरन भरपूर मात्रा में होता है। इसे खाने से हीमोग्लोबिन बढ़ता है और शरीर में खून की कमी दूर होती है।
6. बुढ़ापा रोकने वाला
शिलाजीत को एंटी-एजिंग टॉनिक भी कहा जाता है। ये झुर्रियाँ आने से रोकता है, त्वचा और बालों को हेल्दी रखता है और शरीर को जवान बनाए रखता है। बुज़ुर्ग लोग भी कहते थे – “जो शिलाजीत खाए, वो जल्दी बूढ़ा नहीं होता।”
7. इम्यूनिटी बढ़ाए
शिलाजीत शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को मज़बूत करता है। इससे बार-बार सर्दी-जुकाम, बुखार या छोटी बीमारियों से बचाव होता है। जिनका शरीर जल्दी बीमार पड़ जाता है, उनके लिए ये किसी कवच से कम नहीं।
शिलाजीत कैसे खाएँ?
- शिलाजीत बहुत गाढ़ा होता है, इसे चावल के दाने जितना ही लेना चाहिए।
- ज़्यादातर लोग इसे गुनगुने दूध या पानी के साथ लेते हैं।
- इसे सुबह खाली पेट या रात को सोने से पहले लेना सबसे अच्छा माना जाता है।
- बहुत ज्यादा लेने से नुकसान हो सकता है, इसलिए थोड़ी-सी ही मात्रा ज़रूरी है।
घरेलू नुस्खे
- थकान मिटाने के लिए: दूध में चुटकी भर शिलाजीत मिलाकर रोज़ रात को पियो।
- कमजोरी दूर करने के लिए: शहद में मिलाकर लो, शरीर में ताक़त बनी रहेगी।
- जोड़ों के दर्द में: लगातार सेवन करने से धीरे-धीरे आराम मिलता है।
- याददाश्त तेज करने के लिए: बच्चों को डॉक्टर की सलाह से थोड़ी मात्रा में दिया जा सकता है।
सावधानियाँ
- शिलाजीत हमेशा शुद्ध और असली लेना चाहिए। बाज़ार में नकली बहुत मिलता है।
- ज़्यादा मात्रा खाने से पेट दर्द, उल्टी या चक्कर आ सकते हैं।
- गर्भवती महिलाएँ और छोटे बच्चे इसे बिना डॉक्टर की सलाह के न लें।
- जिनको दिल, किडनी या ब्लड प्रेशर की समस्या है, वो इसका सेवन डॉक्टर की देखरेख में ही करें।
शिलाजीत एक ऐसा प्राकृतिक वरदान है, जिसे सही मायने में पहाड़ का अमृत कहा जा सकता है। ये ताक़त देता है, थकान मिटाता है, दिमाग तेज करता है और मर्दानगी बढ़ाता है। सही मात्रा और सही तरीके से इसका सेवन करने से शरीर तंदुरुस्त रहता है और उम्रभर ताक़त बनी रहती है।
नोट
यहाँ बताए गए फायदे और नुस्खे जनरल जानकारी के लिए हैं। किसी भी बीमारी के इलाज या दवा के रूप में शिलाजीत का सेवन करने से पहले हमेशा डॉक्टर या आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से सलाह ज़रूर लें।