दोस्तों, अक्सर चोट या जख्म लगने पर डॉक्टर टिटनेस का इंजेक्शन लगाने की सलाह देते हैं। लेकिन कई लोगों को ये नहीं पता होता कि यह इंजेक्शन क्यों जरूरी है और इसके बाद किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। आज हम इसे आसान भाषा में समझते हैं।
टिटनेस क्या है?
- टिटनेस एक संक्रामक बीमारी है।
- यह बैक्टीरिया Clostridium tetani के कारण होती है, जो ज़ख्म, कट या गंदगी में प्रवेश कर सकता है।
- यह मांसपेशियों में जकड़न और दर्द पैदा करता है।
- अगर समय पर इलाज न हो तो यह जान के लिए खतरा बन सकता है।
टिटनेस का इंजेक्शन क्यों लगाया जाता है?
- यह इंजेक्शन शरीर को बैक्टीरिया से लड़ने वाले एंटीबॉडी बनाने में मदद करता है।
- चोट या गंदगी वाले जख्म में बैक्टीरिया आसानी से प्रवेश कर सकते हैं।
- एक्सपर्ट्स कहते हैं कि चोट लगते ही या 48 घंटे के अंदर इंजेक्शन लेना सबसे फायदेमंद होता है।
किन लोगों को लगाना चाहिए?
- गहरी या गंदी चोट वाले लोग।
- लोहे या गंदगी वाले जख्म में।
- अगर पिछले 10 साल में टिटनेस का टीका नहीं लगा है।
बच्चों और बड़ों के लिए डोज़ अलग-अलग होते हैं। इसलिए डॉक्टर की सलाह लेना बहुत जरूरी है।
इंजेक्शन के बाद सावधानियाँ
- इंजेक्शन वाली जगह साफ और सूखी रखें।
- हल्का दर्द या लालिमा आम बात है।
- तेज बुखार, सांस लेने में दिक्कत या बहुत ज्यादा सूजन होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- भारी व्यायाम या जख्म पर दबाव न डालें।
- आगे के बूस्टर डोज़ समय पर लें।
बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए
- बच्चों को टीका कार्यक्रम के अनुसार समय पर टीके लगवाना चाहिए।
- गर्भवती महिलाओं को भी चोट लगने पर डॉक्टर की सलाह से इंजेक्शन लगवाना सुरक्षित होता है।
दोस्तों, टिटनेस का इंजेक्शन जख्म को संक्रमण से बचाने और गंभीर बीमारी से रोकने का सबसे असरदार तरीका है। चोट लगते ही इसे नजरअंदाज न करें। इंजेक्शन लगवाने के बाद सावधानियाँ अपनाना भी बहुत जरूरी है।