बवासीर से छुटकारा पाने के 5 घरेलू नुस्खे

बवासीर से बहुत ही लोग पीड़ित रहते हैं। बवासीर एक बहुत तकलीफ देने वाला रोग होता है  बवासीर दो तरह की होती है 1. बाहर की बवासीर में गुदा द्वार  मस्से होते हैं जिसमें सूजन की वजह से काफी पीड़ा होती है और उन मस्सों को अधिक खुजलाने की वजह से उनमें से खून भी आने लगता है।  2. अन्दर की बवासीर  जिसमें मलद्वार के अंदर खून की नसें फूल जाती हैं और दर्द असहनीय होता है।  मलत्याग के समय मलाशय में अत्यधिक पीड़ा, खुजली और रक्तपात होता है। बवासीर के कई कारण हो सकते हैं जिनमें मसाले वाले भोजन का अधिक सेवन, पानी का सेवन कम करने से, वंशानुगत, लम्बे समय तक बैठे रहना और कब्ज़ की समस्या । इसके लक्षणों में, शौच के दौरान लाल रंग का खून आना, मलद्वार में खुजली, कमजोरी, भूख नहीं लगना, चक्कर आना आदि होता है।घरेलू उपचारों को अपनाकर और खान-पान से ठीक किया जा सकता है।

एलोवेरा

एलोवेरा की एक पत्ती लें तथा इसके सारे काँटों को तोड़ दें। इसके बाद इसे फ्रिज में रख दें। इसके बाद ठंडी सेंक करें। आप सूजी हुई धमनियों लिए एलो वेरा की पत्तियों से निकाले गए जेल प्रयोग कर सकते हैं।

केला

पाइल्‍स में जाना खाना खाने के बाद या फिर सुबह खाली पेट केले का सेवन करें। दूध को उबालकर उसमे पके केले को मसलकर डाल दें और घोल तैयार कर लें। इसको दिन में 2 से 3 बार सेवन करें।

पानी

प्राकृतिक रूप से पाइल्‍स को ठीक करने के लिये खूब पानी पीजिये। दिन में करीब 8-10 गिलास पानी जरुर पिये। इसके अलावा फ्रेश फ्रूट जूस और सब्‍जियों का सूप पीजिये। रोजाना कम से कम 8 गिलास पानी पिएं, क्योंकि इससे शरीर की अशुद्धियों को दूर करने में सहायता मिलती है। पानी आपके मलाशय को स्वस्थ बनाकर रखता है, जिससे ये नर्म और नमीयुक्त रहता है और आपका मल भी इससे नर्म होता है। अपनी अंदरूनी प्रणाली को साफ करने के लिए हमेशा पानी पियें। पानी आपके शरीर में नमी का संचार करता है और आपके मल को नर्म बनाता है।

प्याज

प्याज बवासीर के इलाज में काफी फायदेमंद साबित होते हैं। एक प्याज को कच्चा, दही या छाछ के साथ मिलाकर खाने से बवासीर की समस्या से काफी राहत मिलती है।

छाछ

2 लीटर छाछ में थोड़ी सी अजवाइन और जीरा मिलकर पी जाएँ, इसके नियमित सेवन से बवासीर धीरे धीरे ख़त्म हो जाती है।

मल, मूत्र और gas आने पर उसको ज्यादा समय तक पेट में रोककर न रखें। इससे भी बवासीर होने की संभावना बनी रहती है।

अपने खान पान के समय को निश्चित करें और लाइफ स्टाइलको सुधारें

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