हमारे शरीर में एक खास चिपचिपा पदार्थ होता है, जिसे बलगम या म्यूकस कहते हैं। यह नाक, गले और फेफड़ों में बनता है। अगर आपने कभी जुकाम, खांसी या सर्दी महसूस की है, तो आपको पता होगा कि बलगम क्यों बनता है।
बलगम शरीर का प्राकृतिक सुरक्षा कवच है। यह धूल, बैक्टीरिया, वायरस और एलर्जी से फेफड़ों और नाक को बचाता है। इसे ऐसे समझो – जब हमारे शरीर को कोई नुकसान पहुंच सकता है, तो यह पदार्थ खुद-ब-खुद बनकर हमारे फेफड़े और गले को सुरक्षित रखता है।
साधारण भाषा में कहें तो – बलगम शरीर का साफ-सफाई करने वाला तरीका है। यह बाहर निकलता है ताकि शरीर में कोई हानिकारक तत्व जमा न हो।
बलगम क्यों बनता है?
बलगम बनना सामान्य है, लेकिन कभी-कभी यह बहुत बढ़ जाता है और परेशानी का कारण बनता है। इसके मुख्य कारण ये हैं:
1. सर्दी-जुकाम और वायरल संक्रमण
जब शरीर में वायरस या बैक्टीरिया हमला करते हैं, तो नाक और गले की परत जलने लगती है। शरीर इसे बाहर निकालने के लिए बलगम बनाता है।
2. एलर्जी
धूल, परागकण, धुआँ या पालतू जानवरों के बाल से एलर्जी होने पर शरीर रक्षात्मक प्रतिक्रिया के तौर पर बलगम बनाता है।
3. धूम्रपान और प्रदूषण
धुआँ, प्रदूषित हवा और धूल के कारण फेफड़े और गले में जलन होती है। इसका असर यह होता है कि बलगम ज्यादा बनता है और गले में चिपचिपा महसूस होता है।
4. सूखा या ठंडा वातावरण
ठंडी हवा या कमरे में बहुत सूखी हवा बलगम को गाढ़ा कर देती है। यही कारण है कि सर्दियों में जुकाम और बलगम बढ़ जाते हैं।
बलगम की पहचान
बलगम का रंग और बनावट यह बताते हैं कि शरीर में क्या चल रहा है:
- सफेद या हल्का पीला: सामान्य या हल्का संक्रमण
- हरा: बैक्टीरियल संक्रमण का संकेत
- भूरा या काला: धुआँ या प्रदूषण के कारण
इसके अलावा आप महसूस कर सकते हैं:
- गले में खराश या खाँसी
- नाक बहना या बंद होना
- गले या छाती में जकड़न
बलगम के नुकसान और परेशानी
- लगातार गाढ़ा बलगम होना सांस लेने में तकलीफ दे सकता है।
- खांसी बार-बार आना और गले में खराश बनना।
- नींद में खलल और दिनभर असुविधा।
- अगर हरा या खून वाला बलगम हो, तो यह संक्रमण का संकेत है।
घरेलू उपाय
1. भाप लेना
जब बलगम ज्यादा जकड़ जाता है तो भाप लेना सबसे असरदार तरीका है। पानी उबालकर उसमें अजवाइन या नमक डालो और तौलिया से सिर ढककर 10 मिनट भाप लो। दिन में 2 बार करोगे तो गले और छाती की जकड़न जल्दी ढीली हो जाएगी।
2. अदरक और शहद
अदरक का रस निकालकर उसमें थोड़ा शहद मिलाकर दिन में 2–3 बार खा लो। अदरक गर्म तासीर का है और शहद गले की खराश मिटाता है। दोनों मिलकर बलगम को पतला कर देते हैं।
3. हल्दी वाला दूध
रात को सोने से पहले गरम दूध में आधा चम्मच हल्दी डालकर पी लो। हल्दी एंटीबैक्टीरियल है, ये बलगम को बाहर निकालने में मदद करती है और इम्युनिटी भी मजबूत करती है।
4. नमक वाला गरारा
गुनगुने पानी में आधा चम्मच नमक डालकर दिन में 2–3 बार गरारे करो। इससे गले में चिपका बलगम साफ होता है और खराश भी कम हो जाती है।
5. तुलसी और काली मिर्च
5–6 तुलसी के पत्ते और 2–3 काली मिर्च डालकर काढ़ा बना लो। इसे गरम-गरम पियो। तुलसी शरीर को साफ करती है और काली मिर्च बलगम को बाहर निकालने में मदद करती है।
6. मुलेठी का काढ़ा
थोड़ी सी मुलेठी पानी में उबालकर उसका काढ़ा पियो। ये गले की सूजन कम करता है और बलगम को ढीला करके आसानी से बाहर निकाल देता है।
कब डॉक्टर के पास जाएँ?
- बलगम लगातार हरा या खून वाला हो।
- खांसी 2–3 हफ्ते से ज़्यादा रहे।
- सांस लेने में तकलीफ़ हो।
- बुखार या शरीर में कमजोरी हो।
इन परिस्थितियों में घरेलू उपाय पर्याप्त नहीं होंगे, और डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।
अतिरिक्त टिप्स
- दिन में 2–3 बार भाप लेना बहुत फायदेमंद होता है।
- सर्दियों में सूखी हवा से बचने के लिए कमरे में हल्की नमी रखें।
- हल्का व्यायाम करने से फेफड़ों की सफाई होती है और बलगम बाहर निकलता है।
- संतुलित आहार – हरी सब्जियाँ, फल, अदरक, हल्दी, नींबू और शहद बलगम को नियंत्रित रखते हैं।
निष्कर्ष
बलगम शरीर की प्राकृतिक सुरक्षा प्रणाली का हिस्सा है। यह हमारी नाक, गले और फेफड़ों को धूल, बैक्टीरिया और वायरस से बचाता है।
- ज्यादा बलगम होना कभी-कभी परेशानी दे सकता है, लेकिन घरेलू उपायों से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
- धूम्रपान, प्रदूषण और एलर्जी से बचना जरूरी है।
- अगर बलगम हरा, खून वाला या लगातार बना रहे, तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।
सच कहूँ तो बलगम को दुश्मन मत समझो, ये तुम्हारे शरीर का सुरक्षा कवच है। बस इसे संतुलित रखना और सही समय पर इलाज लेना सीखो।
नोट: यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। किसी भी गंभीर समस्या या लंबे समय तक बलगम रहने पर डॉक्टर या स्वास्थ्य विशेषज्ञ की सलाह ज़रूर लें