विटामिन डी हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। यह शरीर में कैल्शियम के स्तर को नियंत्रित करने का काम करता है, जो तंत्रिका तंत्र की कार्य प्रणाली और हड्डियों की मजबूती के लिए जरूरी है। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। विटामिन डी के लक्षण एकदम उभर कर सामने नहीं आते, इसी वजह से लोगों को समय पर विटामिन डी की कमी से होने वाले रोगों का पता ही नहीं चल पाता। रीर को तंदुरूस्त रखने के लिए कैल्शियम और प्रोटीन की तरह विटामिन डी भी अहम भूमिका निभाता है। यह वसा में घुलनशील होता है और हमारी आंतों से कैल्शियम को सोखकर हड्डियों तक पहुंचाने का काम करता है। शरीर में इसकी कमी से कई तरह की बीमारियां होने का खतरा बना रहता है। विटामिन डी की पूर्ती हाइड्रॉक्सी कोलेस्ट्रॉल और अल्ट्रावॉयलेट किरणों से होती है। इसके अलावा कुछ खाद्य पदार्थों में भी विटामिन डी की भरपूर मात्रा पाई जाती है। विटामिन डी हमारे शरीर को कई रोगों से निजात दिलाने में भी मदद करता है। लेकिन जब शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाती है तो यह व्यक्ति के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। ऐसे में यह बहुत जरूरी है कि लगातार इसके लक्षणों पर नज़र बनाए रखें ताकि इसकी कमी को पहचाना जा सके। आइए जानते हैं विटामिन डी की कमी होने के लक्षण क्या हैं और इसकी कमी हो जाने से स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है-
बार-बार इंफैक्शन होना भी विटामिन डी की कमी का ही संकेत है। दरअसल, हमारे इम्युन सिस्टम यानी प्रतिरक्षा प्रणाली किसी भी घाव के संक्रमण से लड़ने का काम करती है। जब शरीर में विटामिन डी की कमी होती है, तो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली समझौता कर लेती है, जिससे आपका शरीर हानिकारक बैक्टीरिया से संक्रमित हो सकता है।
त्वचा का गहरा रंग मिलेनिन पिगमेंट के कारण होता है। मिलेनन बहुत अधिक होने के कारण धूप लगने पर त्वचा में विटामिन-डी का निर्माण ठीक से नहीं हो पाता। कुछ शोधो का मानना है कि बढती उम्र मे गहरे रंग की त्वचा वालों के विटामिन डी की कमी की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
विटामिन डी का सबसे अहम काम हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को दुरुस्त रखना है, ताकि बीमारी का कारण बनने वाले वायरस और बैक्टीरिया से लड़ा जा सके. अगर आपको अक्सर सर्दी-जुकाम हो जाता है या किसी न किसी संक्रमण से ग्रस्त रहते हैं, तो इसकी वजह विटामिन डी की कमी हो सकती है.
शरीर में विटामिन-डी की कमी के कारण कई बार लोग डिप्रेशन के शिकार भी हो जाते हैं। यह समस्या ज्यादातर व्यस्को में देखने को मिलती है। तो अपने आहार में विटामिन-डी को शामिल करने से आप डिप्रेशन की समस्या से बच सकते हैं।