घेंघा (Goiter) से बचने के उपाय, गले की सूजन, कारण और घरेलू बचाव

गले में सामने की तरफ सूजन देखी होगी आपने? गाँव-कस्बों में कई बार औरतों या बुज़ुर्गों के गले में ऐसे ही उभार दिखते हैं। इसे ही आम भाषा में घेंघा कहते हैं। डॉक्टरों की भाषा में यह थायरॉयड ग्रंथि का बढ़ना है। पहले के ज़माने में यह बहुत आम था क्योंकि लोग साधारण नमक खाते थे जिसमें आयोडीन नहीं होता था। आज भी जहाँ लोग आयोडीन वाला नमक नहीं खाते वहाँ यह बीमारी देखने को मिलती है।

घेंघा होने के कारण

सबसे बड़ा कारण है आयोडीन की कमी। जब शरीर को पर्याप्त आयोडीन नहीं मिलता, तो गले की थायरॉयड ग्रंथि फूलने लगती है और सूजन जैसी नज़र आती है। इसके अलावा –

  • थायरॉयड हार्मोन का गड़बड़ होना (कभी कम, कभी ज़्यादा बनना)
  • खानपान की ग़लती – जैसे ज़्यादा गोभी, फूलगोभी, सोया या मूली खाना
  • आनुवंशिक कारण – अगर घर में किसी को थायरॉयड रहा हो
  • संक्रमण या ग्रंथि में गांठ बन जाना

घेंघा के लक्षण

  • गले में गांठ या सूजन दिखना
  • निगलते समय या सांस लेते समय परेशानी
  • गले में भारीपन या खाँसी बनी रहना
  • थकान, चिड़चिड़ापन या अचानक वजन का बढ़ना-घटना
  • आवाज़ का बदल जाना

घेंघा से बचाव के घरेलू तरीके

  • हमेशा आडीन वाला नमक ही इस्तेमाल करें। यह सबसे आसान उपाय है।
  • खाने में दूध, दही, मछली, अंडा और हरी सब्जियाँ ज़रूर शामिल करें।
  • तनाव से बचें, क्योंकि तनाव भी हार्मोन बिगाड़ देता है।
  • परिवार में पहले किसी को थायरॉयड हो तो समय-समय पर जांच कराते रहें।
  • कुछ लोग अजवाइन और सेंधा नमक का पानी पीने की सलाह देते हैं, यह पाचन और थायरॉयड दोनों के लिए मददगार होता है।

घेंघा होने पर कौन-सी ग़लती न करें

  • बिना आयोडीन वाला नमक कभी न खाएँ।
  • गोभी, फूलगोभी, सोया और मूली का रोज़-रोज़ ज़्यादा सेवन न करें।
  • गले की सूजन को हल्के में न लें। गाँव में अक्सर लोग कहते हैं – “अरे यह तो उम्र की वजह से है”, लेकिन सच में यह बीमारी है।
  • बिना डॉक्टर की सलाह के दवा न खाएँ।
  • थकान, वजन बढ़ना-घटना या चिड़चिड़ापन को नज़रअंदाज़ न करें। ये सब शुरुआती संकेत हो सकते हैं।

निष्कर्ष

घेंघा को गले की साधारण सूजन समझकर नज़रअंदाज़ करना बहुत बड़ी भूल है। यह बीमारी पूरे शरीर के कामकाज को बिगाड़ सकती है। इसकी जड़ में ज़्यादातर आयोडीन की कमी होती है, जो हम आसानी से पूरी कर सकते हैं। बस रोज़मर्रा की ज़िंदगी में सही नमक का इस्तेमाल करें, संतुलित खाना खाएँ और गले में कोई भी असामान्य बदलाव दिखे तो डॉक्टर से ज़रूर मिलें।

छोटी सी सावधानी से बड़ी बीमारी से बचा जा सकता है।

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