लकवा – क्या है, क्यों होता है, लक्षण और बचाव के आसान तरीके

आपने अक्सर सुना होगा – किसी को लकवा हो गया। लेकिन असल में लकवा क्या है और क्यों होता है, ये समझना बहुत जरूरी है। लकवा शरीर की मांसपेशियों को कमजोर कर देता है और अक्सर शरीर के एक तरफा हिस्से में कमजोरी या सुन्नपन ला देता है।

आसान भाषा में कहें तो – जब दिमाग और नसों में खून सही तरीके से नहीं पहुंचता या नसें ब्लॉक/फट जाती हैं, तो लकवा हो जाता है।

लकवा क्यों होता है?

लकवा किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन कुछ कारण हैं जो इसे ज्यादा आम बनाते हैं:

  1. रक्त वाहिकाओं की समस्या
    • दिमाग की नसें ब्लॉक हो जाएँ (Ischemic Stroke)
    • नस फट जाए (Hemorrhagic Stroke)
  2. उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure)
    • लंबे समय तक ब्लड प्रेशर ज्यादा रहना नसों को नुकसान पहुंचाता है।
  3. कोलेस्ट्रॉल और मोटापा
    • ज्यादा कोलेस्ट्रॉल से नसें सख्त और ब्लॉक हो जाती हैं।
    • मोटापा भी ब्लड फ्लो को रोक सकता है।
  4. डायबिटीज़
    • शुगर कंट्रोल में न हो तो नसें कमजोर होती हैं।
  5. धूम्रपान और शराब
    • लगातार सिगरेट और शराब लेने से लकवा का खतरा बढ़ जाता है।
  6. सिर में चोट या चोट के बाद
    • कभी सिर में चोट लगी हो तो भी लकवा का खतरा रहता है।

लकवा के लक्षण

लकवा जल्दी पहचानना बहुत जरूरी है। अगर समय रहते इलाज किया जाए तो नुकसान कम किया जा सकता है।

  • चेहरे का झुकना या सुन्न होना
    • मुस्कुराते समय चेहरे का एक हिस्सा झुक जाए।
  • हाथ या पैर में कमजोरी
    • अचानक हाथ या पैर पकड़ने या चलने में दिक्कत।
  • बोलने या समझने में दिक्कत
    • शब्द सही से नहीं निकलते या बात समझने में परेशानी।
  • सिरदर्द, चक्कर या उल्टी
    • अचानक तेज सिरदर्द या चक्कर।
  • देखने में समस्या
    • आँखों से धुंधला दिखाई देना या रंग बदल जाना।

अगर ये लक्षण अचानक दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।

लकवा किसे होता है?

कुछ लोग ज्यादा जोखिम में रहते हैं:

  • उम्र 50 साल से ऊपर वाले
  • हाई ब्लड प्रेशर वाले
  • डायबिटीज़ और मोटापे वाले
  • सिगरेट पीने और शराब पीने वाले
  • परिवार में लकवा का इतिहास रखने वाले

लकवा से कैसे बचें

लकवा से बचाव आसान है, बस लाइफस्टाइल में थोड़ी सावधानी बरतनी होगी:

  1. स्वस्थ खाना खाएं
    • ज्यादा तली-भुनी चीज़ें, जंक फूड और तेल-मसाले से बचें।
    • हरी सब्ज़ी, फल, दलिया, दाल और प्रोटीन वाला खाना खाएँ।
  2. नियमित व्यायाम करें
    • रोज़ 30 मिनट पैदल चलना, हल्की कसरत या योग करें।
  3. ब्लड प्रेशर और शुगर पर ध्यान दें
    • समय-समय पर जांच कराएँ और दवा लें अगर डॉक्टर ने बताई हो।
  4. धूम्रपान और शराब से दूर रहें
    • ये नसों को कमजोर कर लकवा का खतरा बढ़ाते हैं।
  5. तनाव कम करें
    • ज्यादा स्ट्रेस, नींद की कमी भी लकवा का खतरा बढ़ाती है।

लकवा होने पर घरेलू उपाय

ध्यान दें: ये उपाय सहायक हैं। गंभीर केस में डॉक्टर से इलाज जरूरी है।

  1. हल्दी वाला दूध
    • हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। रोज़ सुबह या रात को हल्दी वाला दूध पीने से नसें मजबूत रहती हैं।
  2. लहसुन और जैतून का तेल
    • लहसुन खाएं और खाना पकाने में जैतून का तेल इस्तेमाल करें। ये ब्लड फ्लो सुधारता है।
  3. मेथी और पुदीना
    • ये दोनों ब्लड सर्कुलेशन और नसों के लिए फायदेमंद हैं।
  4. सर्दी-गर्म पानी से मालिश
    • पैर और हाथ को हल्के गर्म पानी से मालिश करें, ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है।
  5. अमला और नींबू का रस
    • रोज सुबह पानी में नींबू और अमला का रस मिलाकर पीना। ये रक्तस्राव कम और इम्यूनिटी बढ़ाता है।
  6. योग और प्राणायाम
    • हल्का योग और प्राणायाम रोज करना चाहिए। ये तनाव कम और ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाता है।

लकवा के बाद रिकवरी

  • फिजियोथेरेपी बहुत जरूरी है।
  • हाथ-पैर की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए रोज़ एक्सरसाइज करें।
  • धैर्य रखें, रिकवरी में समय लगता है।

लकवा कोई मामूली बीमारी नहीं है। लेकिन अगर समय रहते सावधानी बरती जाए, सही खाना-पीना अपनाया जाए और व्यायाम किया जाए, तो इसे रोका जा सकता है।

  • स्वस्थ खाना खाएं
  • नियमित व्यायाम और योग करें
  • ब्लड प्रेशर और शुगर पर ध्यान दें
  • धूम्रपान और शराब से दूर रहें
  • घरेलू उपाय से मदद लें, लेकिन गंभीर हालत में तुरंत डॉक्टर से इलाज करें।

पुराने लोग कहते थे – “लकवा को हल्के में मत लो, लेकिन सही देखभाल से इसे टाला जा सकता है।”

घरेलू उपाय दवा का विकल्प नहीं होते। लकवा, स्ट्रोक या नसों की समस्या में डॉक्टर की सलाह और इलाज ज़रूरी है।

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