दोस्तों, कई बार आपने देखा होगा कि किसी के हाथ, पैर, पीठ या गर्दन पर छोटी-छोटी मुलायम गांठ-सी निकल आती है। देखने में जैसे चर्बी का छोटा सा गोला हो। लोग अक्सर इसे देखकर घबरा जाते हैं कि कहीं कैंसर तो नहीं, लेकिन घबराने की ज़रूरत नहीं है। इसे लाइपोमा कहते हैं। ज़्यादातर मामलों में यह हानिकारक नहीं होता, बस दिखने में थोड़ा खराब लगता है। आइए इसे अच्छे से समझते हैं।
लाइपोमा क्या होता है?
- लाइपोमा असल में शरीर की अंदरूनी चर्बी का छोटा गुच्छा है, जो त्वचा के नीचे इकट्ठा हो जाता है।
- छूने पर ये मुलायम और रबर जैसा लगता है।
- आमतौर पर दर्द नहीं करता।
- कैंसर नहीं होता, इसीलिए जान का खतरा नहीं।
- हाँ, अगर बड़ा हो जाए तो कपड़े पहनने या दिखने में अजीब लगता है।
गाँव में लोग इसे अक्सर “गांठ” या “चर्बी का फोड़ा” कह देते हैं।
लाइपोमा क्यों होता है?
अब सवाल उठता है कि आखिर ये गांठ बनती क्यों है? इसके पीछे कई वजह हो सकती हैं –
- शरीर में फैट सेल्स का ज़्यादा जमाव।
- अगर परिवार में किसी को पहले से ये दिक्कत रही है, तो औरों को भी हो सकती है।
- मोटापा और तैलीय खाना खाने वालों में जल्दी बन जाता है।
- जब शरीर का मेटाबॉलिज़्म धीमा पड़ जाए तो भी चर्बी जमा होने लगती है।
लाइपोमा के लक्षण
इसकी पहचान करना आसान है।
- त्वचा के नीचे छोटा-सा उभार या गांठ नज़र आए।
- दबाने पर मुलायम लगे, जैसे आटे की गोली दबा रहे हों।
- दर्द आम तौर पर नहीं होता।
- धीरे-धीरे इसका साइज बड़ा हो सकता है।
लाइपोमा के घरेलू नुस्खे
सबसे पहले एक बात याद रखिए – ये नुस्खे छोटे और शुरुआती लाइपोमा पर ही असर करते हैं। अगर गांठ बड़ी हो, दर्द करने लगे या फैल रही हो, तो डॉक्टर को जरूर दिखाएँ।
(1 हल्दी का कमाल
हल्दी हमारे घर की सबसे बड़ी दवा है। इसमें करक्यूमिन होता है जो सूजन और गांठ कम करता है।
- हल्दी पाउडर में थोड़ा नीम का तेल मिलाकर पेस्ट बना लीजिए।
- रोज़ एक बार गांठ पर लगाइए।
- धीरे-धीरे फर्क दिखने लगता है।
(2 नीम का तेल
नीम को तो लोग “गाँव का डॉक्टर” कहते हैं। ये एंटीबैक्टीरियल और सूजन कम करने वाला होता है।
- दिन में 1–2 बार नीम के तेल से गांठ वाली जगह हल्की मालिश करें।
- इससे गांठ नरम होगी और धीरे-धीरे घट भी सकती है।
(3 ग्रीन टी
आजकल ग्रीन टी बहुत मशहूर है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो शरीर की चर्बी जलाने में मदद करते हैं।
- रोज़ सुबह-शाम एक कप ग्रीन टी पीने की आदत डालें।
- इससे शरीर का मेटाबॉलिज़्म तेज होगा और फैट का जमाव कम होगा।
(4 अलसी के बीज
अलसी छोटे-छोटे बीज हैं लेकिन ताक़त अपार है। इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड भरपूर है।
- रोज़ाना 1–2 चम्मच अलसी का पाउडर गुनगुने पानी या दूध के साथ लें।
- चाहें तो सलाद में भी डाल सकते हैं।
- इससे शरीर की खराब चर्बी घटेगी।
(5 सेब का सिरका (Apple Cider Vinegar)
गाँव-शहर दोनों जगह अब ACV मशहूर हो गया है। ये फैट को गलाने में मदद करता है।
- एक गिलास गुनगुने पानी में 1–2 चम्मच सिरका डालकर सुबह खाली पेट पिएँ।
- धीरे-धीरे शरीर में जमी चर्बी कम होगी।
(6 कैस्टर ऑयल (अरंडी का तेल)
अरंडी का तेल दादी-नानी के जमाने से दवा के तौर पर इस्तेमाल होता आया है।
- रात को सोने से पहले गांठ वाली जगह पर हल्की मालिश करें।
- कुछ हफ़्तों में फर्क नज़र आ सकता है।
खानपान सुधारें
बिना खानपान बदले फायदा अधूरा रहेगा।
- तैलीय, मसालेदार और जंक फूड कम खाइए।
- हरी सब्ज़ियाँ, मौसमी फल और ज्यादा पानी लीजिए।
- हल्की-फुल्की कसरत या पैदल चलना भी बहुत काम आता है।
किन बातों का ध्यान रखें
- अगर गांठ तेज़ी से बढ़ रही है, तो खुद इलाज न करें, तुरंत डॉक्टर से दिखाएँ।
- अगर गांठ में दर्द, लालिमा या पस बनने लगे तो घरेलू नुस्खे छोड़ दीजिए।
- बहुत बड़ा लाइपोमा हो तो सर्जरी ही एकमात्र उपाय है।
- कोई भी नया नुस्खा अपनाने से पहले थोड़ा-सा टेस्ट ज़रूर कर लें कि कहीं एलर्जी तो नहीं हो रही।
लाइपोमा ज़्यादातर मामलों में हानिकारक नहीं होता। ये बस शरीर की चर्बी का छोटा गुच्छा है। लेकिन दिखने में अजीब लगे या साइज बड़ा हो जाए, तो परेशानी जरूर देता है। शुरुआती स्टेज में घरेलू नुस्खे जैसे हल्दी, नीम का तेल, अलसी, ग्रीन टी, सेब का सिरका और अरंडी का तेल कुछ हद तक फायदेमंद साबित हो सकते हैं।
लेकिन ध्यान रहे – ये नुस्खे कोई जादू नहीं हैं। अगर गांठ बढ़ रही हो, दर्द कर रही हो या बहुत बड़ी हो, तो डॉक्टर की सलाह ही सही रास्ता है।