शरीर में ये 4 बदलाव होने लग जाते हैं मुँह के कैंसर से पहले – आपको पता होना चाहिए

muh ka cancer

कैंसर का नाम आते ही सभी लोग चौंक जाते हैं, चाहें शरीर के किसी भी हिस्सें में कैंसर हुआ हो। इसी तरह मुंह का कैंसर भी होता है, इसे ओरल कैंसर भी कहते हैं। भारत में मुंह के कैंसर के मामले पाए जाते हैं।कैंसर के सबसे सामान्य रूपों में एक है मुंह का कैंसर। यह कैंसर मुंह के किसी भी हिस्से में हो सकता है जैसे- गाल और मसूड़ों के अंदर। यह एक प्रकार का सिर और गर्दन का कैंसर है।

muh ke chhale
यह कैंसर अक्सर ओरल और ओरोफरीन्जियल कैंसर की श्रेणी में आता है। ओरोफेरीन्जियल कैंसर मुंह के पीछे वाले हिस्से और गले को प्रभावित करता है। इसका कारण हैं पुरुषों द्वारा बीड़ी, सिगरेट और अन्य नशीली चीजों का सेवन करना। एक रिसर्च के मुताबिक 25 प्रतिशत मुंह का कैंसर नशीली चीजों के सेवन से होता है।

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अगर आपको अपने मुंह के अंदर किसी भी हिस्से में गांठ महसूस हो तो आपको तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए, क्योंकि यह कैंसर की गांठ भी हो सकती है।
आपके मुंह में अगर अल्सर हो तो दो से तीन दिन में ठीक हो जाता है और यह एक सामान्य समस्या है। लेकिन अगर ये अल्सर 15 दिन तक ठीक न हो तो आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए। लंबे समय तक अल्सर होना मुंह के कैंसर का लक्षण है।
मुंह में खून बहना, दर्द या सुन्नपन रहना। यदि गांठ का अहसास होता है या मसूड़ों का गाढ़ा होना या मुंह का ढीला होना महसूस होता है तो तत्काल डॉक्टर से मिलें।
कैंसर की शुरुआत में मुंह के अंदर सफेद छाले या छोटे-छोटे घाव हो जाते हैं। वहीं, इन पर समय से ध्यान नहीं दिया गया तो आगे चलकर मुंह का कैंसर बन जाता है।

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