कूकर खांसी अक्सर बच्चों के साथ बड़ों को भी हो सकती है। यह हवा के माध्यम से फैलती है। काली खांसी को कूकर खांसी भी कहा जाता है। यह खांसी अगर बढ़ जाए और समय से उपचार न हुआ तो रोगी की जान तक जा सकती है| काली खांसी होने से पहले शरीर को हल्का सा बुखार होता है, और फिर खांसी तेजी से बढ़ने लगती है। इसकी वजह से खांसते-खांसते बच्चों की आँख लाल हो जाती है और, उल्टी होने की संभवाना बनी रहती है। उल्टी होने पर खाया हुआ भोजन बाहर निकल जाता है। कई बार औषधि खिलाते समय भी खांसी शुरू हो जाती है काली खांसी के कुछ घरेलू नुस्खे नीचे दिए है, जिससे प्रयोग से इस जानलेवा बीमारी से मुक्ति मिलेगी
गन्ने के रस में मूली का रस50 मिलीo मिलकर दिन में 2बार पीने से आराम मिलेगा।
सुबह-शाम अमरुद को भून कर खाने से काली खांसी में लाभ होगा।
गरम पानी में अदरक का टुकड़ा और ३-४ लौंग डालकर उबाल ले और छान कर पूरे दिन इसे पीने को पिएँ।
तुलसी के पत्ते और काली मिर्च पाउडर को सामान मात्रा में मिक्स कर के छोटी छोटी गोलियां बना ले इसे प्रतिदिन तीन समय इसका सेवन करें।
एक चम्मच आंवले के चूर्ण में शहद मिलाकर दिन में तीन बार सेवन करने से भी खांसी में लाभ होता है|
5ग्राम फिटकरी को पानी में गर्म कर के दिन में तीन बार इस पानी का सेवन करने से काली खांसी ठीक हो जाएगी।
रात में 3-4 बादाम को भिगो दें और सवेरे छिलके को उतार कर 1 लहसुन की कली और मिश्री के साथ पीस कर बच्चे को दें, काली खांसी से छुटकारा मिल जाएगा।