कभी-कभी बैठते-बैठते अचानक पैरों में झुनझुनी होने लगती है। ऐसा महसूस होता है जैसे सैकड़ों चींटियाँ पैर पर दौड़ रही हों। कुछ लोग इसे मज़ाक में लेते हैं, लेकिन अगर यही झुनझुनी बार-बार होने लगे तो ये किसी छिपी हुई समस्या का संकेत भी हो सकता है।
आइए जानते हैं इसके कारण, लक्षण, घरेलू उपाय और सावधानियाँ।
पैरों में झुनझुनी क्यों होती है?
पैरों में झुनझुनी के पीछे कई वजहें हो सकती हैं। इनमें से कुछ सामान्य हैं और कुछ गंभीर बीमारियों की ओर इशारा करती हैं।
1. नसों पर दबाव पड़ना
- लंबे समय तक पालथी मारकर बैठना या एक ही पॉज़िशन में बैठे रहना।
- नस दबने की वजह से ब्लड सर्कुलेशन रुक जाता है और झुनझुनी शुरू हो जाती है।
2. विटामिन B12 और आयरन की कमी
- शरीर में B12 की कमी से नसें कमजोर होने लगती हैं।
- आयरन कम होने पर खून की कमी (एनीमिया) होती है, जिससे झुनझुनी महसूस होती है।
3. ब्लड सर्कुलेशन कम होना
- हाई कोलेस्ट्रॉल या मोटापे की वजह से खून का प्रवाह पैरों तक ठीक से नहीं पहुंचता।
- इससे पैरों में सुन्नपन और झुनझुनी बढ़ जाती है।
4. डायबिटीज़ (मधुमेह)
- डायबिटीज़ के मरीजों में नसों को नुकसान (Neuropathy) हो सकता है।
- ये झुनझुनी का सबसे कॉमन कारण है।
5. नर्व और स्पाइनल प्रॉब्लम
- कमर या रीढ़ की हड्डी की नस दबने से भी पैरों में बार-बार झुनझुनी होती है।
6. थायरॉइड और हार्मोनल असंतुलन
- थायरॉइड कम या ज़्यादा होने पर भी शरीर की नसें प्रभावित होती हैं और झुनझुनी होती है।
7. लाइफस्टाइल से जुड़ी वजहें
- शराब और धूम्रपान
- बहुत ज़्यादा स्ट्रेस
- नींद पूरी न होना
पैरों में झुनझुनी के लक्षण
झुनझुनी हमेशा अकेली नहीं आती, इसके साथ और भी लक्षण दिखाई दे सकते हैं, जैसे:
- पैरों का अचानक सुन्न होना
- चलने-फिरने पर कमजोरी या दर्द
- बार-बार पैरों में ऐंठन
- पैरों का ठंडा या गरम महसूस होना
- लंबे समय तक खड़े रहने में परेशानी
- चक्कर आना और थकान
अगर ये लक्षण बार-बार हों तो इसे नज़रअंदाज़ बिल्कुल न करें।
पैरों की झुनझुनी से होने वाले खतरे
अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो ये झुनझुनी आगे चलकर गंभीर समस्या बन सकती है:
- नसों को स्थायी नुकसान (Neuropathy)
- डायबिटीज़ के मरीजों में पैरों के घाव ठीक न होना
- चलने-फिरने की क्षमता पर असर
- दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ना
पैरों की झुनझुनी दूर करने के घरेलू उपाय
अब जानते हैं कि अगर झुनझुनी बार-बार हो रही है तो कौन-कौन से घरेलू उपाय किए जा सकते हैं।
1. गुनगुना हल्दी वाला दूध
- रात को सोने से पहले 1 गिलास गुनगुने दूध में आधा चम्मच हल्दी डालकर पिएं।
- ये नसों को मज़बूत करता है और झुनझुनी कम करता है।
2. ड्राई फ्रूट्स और बीज
- बादाम, अखरोट, मूँगफली, तिल और अलसी के बीज रोज़ खाएं।
- इनमें विटामिन B12 और मैग्नीशियम होता है, जो नसों को ताक़त देता है।
3. हल्की स्ट्रेचिंग और व्यायाम
- रोज़ सुबह और शाम पैरों की हल्की स्ट्रेचिंग करें।
- तेज़ चलना और योगासन (जैसे ताड़ासन, पवनमुक्तासन) बहुत असरदार हैं।
4. पैरों की तेल से मालिश
- सरसों या नारियल तेल हल्का गुनगुना करके पैरों में मसाज करें।
- ब्लड सर्कुलेशन बढ़ेगा और झुनझुनी कम होगी।
5. ताज़ा हरी सब्ज़ियाँ और फल खाएँ
- पालक, मेथी, चुकंदर, गाजर और सेब आहार में ज़रूर लें।
- इनमें आयरन और विटामिन भरपूर होता है।
6. अदरक और लहसुन
- खाने में अदरक और लहसुन शामिल करें।
- ये खून का प्रवाह बढ़ाते हैं और नसों को ताक़त देते हैं।
7. पर्याप्त पानी पिएं
- शरीर में पानी की कमी से भी झुनझुनी हो सकती है।
- दिनभर में कम से कम 8–10 गिलास पानी पिएं।
8. गुनगुना पानी और नमक से सिंकाई
- एक टब में गुनगुना पानी डालें, उसमें थोड़ा सा सेंधा नमक डालें।
- पैरों को 10 मिनट तक इसमें डुबोकर रखें।
- इससे नसों का तनाव कम होता है और झुनझुनी से राहत मिलती है।
कब डॉक्टर से संपर्क करें?
घरेलू उपाय हमेशा मददगार होते हैं, लेकिन अगर ये लक्षण लगातार बने रहें तो डॉक्टर से ज़रूर मिलें:
- झुनझुनी हफ़्तों तक बनी रहे।
- पैरों में ताक़त कम हो जाए।
- चलने-फिरने में दिक़्क़त हो।
- डायबिटीज़ या थायरॉइड की समस्या पहले से हो।
सावधानियाँ
- शराब और धूम्रपान से दूरी बनाएं।
- ज़्यादा देर तक एक ही पॉज़िशन में न बैठें।
- नींद पूरी करें और स्ट्रेस कम करें।
- संतुलित आहार लें।
निष्कर्ष
पैरों में झुनझुनी होना कई बार साधारण वजह से होता है, लेकिन अगर ये बार-बार हो रहा है तो इसे नज़रअंदाज़ मत करें।
- सही आहार, व्यायाम, और घरेलू नुस्खे अपनाकर राहत पा सकते हैं।
- साथ ही, ज़रूरी टेस्ट और डॉक्टर की सलाह भी बहुत अहम है।
छोटी-सी झुनझुनी बड़े रोग का कारण न बने, इसके लिए सतर्क रहना ही सबसे बड़ी समझदारी है।
नोट: यह जानकारी सामान्य जागरूकता के लिए है। अगर झुनझुनी लगातार बनी रहती है या दर्द और कमजोरी के साथ है तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।