इन्सेफेलाइटिस को दिमागी बुखार भी कहते हैं. यह एक ऐसी बीमारी है जिसमे आप इसके चपेट में कब आ जाते है आप को पता ही नहीं चल पता है आमतौर पर इसके लक्षण को पहचान पाना बहुत ही मुश्किल है और साथ ही सूजन का भी उपचार कर पाना बहुत कठिन होता है। इन्सेफेलाइटिस के सामान्य लक्षणों की एक अंदाज के अनुसार बुखा, सिरदर्द, भूख न लगना, कमजोरी और अन्य बीमारियों जैसे अनुभव हो सकता है इन्सेफेलाइटिस या दिमागी बुखार लगभग 2 लाख लोगों में से एक व्यक्ति हो होता है इसके होने के मुख्य कारण विषाणु, जीवाणु, परजीवी आदि है. अधिकतर बच्चों, बुजुर्गों और कम प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्तियों में ज्यादा होता है। ज्यादातर लोग वायरल इन्सेफेलाइटिस के लोग शिकार होते है.
इन्सेफेलाइटिस से बचाव के लिए निम्न उपायों को करें –
भोजन में जैतून, सोयाबीन, सूरजमुखी, इत्यादि का तेल प्रयोग करें.
फलों में टमाटर, ब्लू बेरी, चेरी और सब्ज़ियों में खीरा, कद्दू, लौकी इत्यादि जैसी ऑक्सीकरण रोधी का सेवन करें.मांस ऐसा खाएं जिसमें चर्बी न हो
चाय और कॉफी न पिएं.
लाल मांस लाल मांस न खाएं.
इन्सेफेलाइटिस के शिकार हुए बच्चों का खासकर ख्याल रखें.
समय से टीकाकरण कराएं.
इन्सेफेलाइटिस में मच्छरों से बचाव करें.
पास्ता, सफेद ब्रेड , और विशेष रूप से चीनी का सेवन बिलकुल न करें.
मीठा, नमकीन और वसायुक्त खाद्य पदार्थों का सेवन बहुत की कम करें.