किन लोगों को नहीं करवाना चाहिए IVF ट्रीटमेंट? इतना बड़ा खतरा हो जाएं सावधान!

आजकल इनफर्टिलिटी (बांझपन) की समस्या बढ़ने के कारण IVF (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) ट्रीटमेंट का सहारा लेने वाले कपल्स की संख्या बहुत तेजी से बढ़ रही है। हालांकि, हर किसी के लिए यह उपचार उपयुक्त नहीं होता। कुछ स्थितियों में IVF करवाना सही नहीं माना जाता है। क्योंकि इससे जान का जोखिम और सेहत का खतरा बढ़ सकता है,इस लेख में हम जानेंगे कि किन लोगों को IVF ट्रीटमेंट नहीं करवाना चाहिए और इसके पीछे के क्या कारण हैं।

आज से के समय में देखा जा रहा है कि जो महिलाएं मां नहीं बन पाती हैं वह आईवीएफ़ (IVF) को सही विकल्प मानती है लेकिन सबके लिए IVF करना ठीक नहीं होती है। अधिक उम्र की महिलाएं आईवीएफ (IVF) से सावधान हो जाए। इस लेख में हम जानेंगे कि किन लोगों को IVF ट्रीटमेंट नहीं करवाना चाहिए और इसके पीछे के क्या कारण हैं।

1. कम ओवरी रिजर्व वाली महिलाएं

महिलाओं की उम्र बढ़ने के साथ अंडाणुओं (Eggs) की गुणवत्ता और संख्या कम हो जाती है। यदि किसी महिला में एंटी-म्यूलरियन हार्मोन (AMH) का स्तर बहुत कम है और ओवेरियन रिजर्व न्यूनतम है, तो IVF के सफल होने की संभावना बेहद कम हो जाती है।

2. गर्भाशय की संरचनात्मक समस्याएं

अगर किसी महिला के गर्भाशय में फाइब्रॉयड (Fibroids), पॉलीप्स (Polyps), असामान्य आकार या गंभीर एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) जैसी समस्याएं हैं, तो भ्रूण के प्रत्यारोपण (Embryo Implantation) में दिक्कत आ सकती है, जिससे IVF असफल हो सकता है।

3. गंभीर हार्मोनल असंतुलन वाली महिलाएं

कुछ महिलाओं में हार्मोनल डिसऑर्डर, जैसे अत्यधिक हाई या लो प्रोलैक्टिन लेवल, थायरॉइड संबंधी समस्याएं या पीसीओएस (PCOS) जैसी स्थितियां IVF की सफलता को प्रभावित कर सकती हैं। ऐसे मामलों में पहले हार्मोनल बैलेंस को सही करने की सलाह दी जाती है। उसके बाद ही IVF सफल होने का चांस रहता है। 

4. गंभीर जेनेटिक डिसऑर्डर वाले कपल्स

अगर पति-पत्नी में से किसी को कोई गंभीर अनुवांशिक (Genetic) बीमारी है, तो IVF करवाने से पहले पीजीटी (Preimplantation Genetic Testing) कराना जरूरी होता है। यदि जेनेटिक समस्या बहुत गंभीर है, तो डॉक्टर IVF से बचने की सलाह दे सकते हैं।

5. पुरुषों में बहुत खराब स्पर्म क्वालिटी

अगर पुरुष में स्पर्म की गुणवत्ता बहुत खराब है और अत्यधिक डीएनए फ्रैगमेंटेशन (DNA Fragmentation) या एज़ूस्पर्मिया (Azoospermia) जैसी समस्या है, तो IVF की सफलता की संभावना बहुत कम हो जाती है। ऐसे मामलों में डॉक्टर अन्य विकल्प जैसे डोनर स्पर्म या ICSI ट्रीटमेंट की सलाह दे सकते हैं।

6. गंभीर क्रोनिक बीमारियों वाले लोग

कुछ गंभीर बीमारियों जैसे अनियंत्रित डायबिटीज, हृदय रोग, किडनी फेल्योर, कैंसर या ऑटोइम्यून डिसऑर्डर वाले मरीजों को IVF कराने से पहले पूरी तरह से हेल्थ चेकअप कराना जरूरी होता है। अगर शरीर IVF प्रक्रिया को सहन करने की स्थिति में नहीं है, तो इसे ना करना ही बेहतर होता है।

7. जो कपल मानसिक रूप से तैयार नहीं होते हैं 

IVF एक लंबी और मानसिक रूप से थकाने वाली प्रक्रिया होती है है। अगर कोई कपल मानसिक रूप से इस प्रक्रिया के लिए तैयार नहीं है या अत्यधिक तनाव में है, तो IVF का अनुभव उनके लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। और यह असफल भी हो सकता है। 

निष्कर्ष

लोगों के लिए IVF ट्रीटमेंट एक वरदान साबित हो सकता है, लेकिन यह सभी के लिए उपयुक्त नहीं होता। अगर आप IVF कराने की सोच रहे हैं, तो पहले किसी विशेषज्ञ से सलाह लें और अपनी स्वास्थ्य स्थिति की गहन जांच कराएं। सही जानकारी और तैयारी के साथ ही IVF के अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। आपको IVF कराने में कोई भी गलती भारी पड़ सकती है।  

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