आंवला विटामिन सी का प्रचुर स्रोत है। इसके अतिरिक्त यह बहुमुल्य फल कैल्शियम, आयरन, फास्फोरस, पोटेशियम, जिंक, कैरोटीन, प्रोटीन, विटामिन ए, विटामिन ई और विटामिन बी कॉम्प्लेक्स, फोलेट, सोडियम, संतृप्त वसा, फाइबर आहार एवं और भी बहुत सारे पोषक तत्वों से भरपूर है। आंवला को हर मर्ज की दवा भी कहा जाता है। कहते हैं, बुजुर्गो की बात का और आंवले के स्वाद का पता बाद में चलता है। आंवला को प्राचीन आयुर्वेदिक प्रणाली में विभिन्न रोगों के उपचार के लिए लगभग पांच हजार साल से प्रयोग किया जा रहा है।
आंवले के रस में एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, जो बढ़ती उम्र का असर आपके चेहरे पर नहीं पड़ने देते हैं। इसलिए नियमित रूप से आंवला जूस पीते रहने से आप लम्बे समय तक जवां दिखाई देते हैं। इसके सेवन से आपकी स्किन चमकदार बनती हैं। प्रतिदिन आंवले के रस में शहद मिला कर पीने से आपका चेहरा चमकदार बनता हैं और चेहरे से झाइयाँ ख़त्म होने लगती हैं।
आंवला को पीसकर उस पीठी को एक मिट्टी के बर्तन में लेप कर देना चाहिए। फिर उस बरतन में छाछ भरकर उस छाछ को रोगी को पिलाने से बवासीर में लाभ होता है। बवासीर के मस्सों से अधिक रक्तस्राव होता हो, तो 3 से 8 ग्राम आंवला चूर्ण का सेवन दही की मलाई के साथ दिन में दो-तीन बार करना चाहिए।
अमला विटामिन और खनिजों का समृद्ध स्रोत है जो मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं। रक्त में आयरन की अधिक मात्रा मस्तिष्क को ऑक्सीजन प्रदान करती है और साथ ही स्मृति में सुधार करती है। अमला में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट मस्तिष्क को स्वस्थ बनाये रखने के लिए लाभकारी होते हैं। आंवला एक प्रभावी मस्तिष्क टॉनिक है और स्मरण शक्ति बढ़ाने और एकाग्रता को सुधारने में मदद करता है। अपने दिमाग को पोषण देने के लिए इसका कच्चा फल खायें।
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