आयुर्वेदिक औषधियों में अश्वगंधा का नाम बहुत लोकप्रिय है। सदियों से कई रोगों के इलाज में अश्वगंधा का इस्तेमाल किया जाता रहा है। महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों में अश्वगंधा का नाम लिया जाता है। अश्वगंधा का इस्तेमाल कई बीमारियों में दवा के रूप में किया जाता है। अश्वगंधा दवा, चूर्ण, कैप्सूल के रूप में आपको आसानी से बाजार में मिल जाएगी। कई रोगों में तो अश्वगंधा रामबाण की तरह है। सदियों से अश्वगंधा को जड़ी-बूटी के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है. इस जड़ी-बूटी के बड़े ही असरकारी परिणाम हैं। इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटी स्ट्रेस व एंटीबैक्टीरियल जैसे तत्व और इम्यून सिस्टम को बेहतर करने व अच्छी नींद लाने वाले गुण मौजूद हैं। अगर यह कहा जाए कि इसमें हर मर्ज का इलाज छुपा है, तो गलत नहीं होगा। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम अश्वगंधा के बारे में विस्तार से बताएंगे। साथ ही यह जानकारी भी देंगे कि अश्वगंधा का सेवन कैसे करें। आप सभी शायद अश्वगंधा के फायदों से परिचित हो लेकिन आज हम सिर्फ पुरुषों के लिए अश्वगंधा के फायदे और नुकसान के बारे में जानेगें।
अगर आपको नींद न आने की समस्या है और आपकी रात सिर्फ करवटें बदलने में ही निकल जाती है, तो अश्वगंधा आपके लिए एक प्रभावशाली दवा की तरह काम करता है और आप चैन की नींद सो पाते हैं।
पुरुष बांझपन के पीछे प्रमुख कारण शुक्राणु की संख्या, संरचना और उनकी गतिशीलता में कमी का होना है। आप अपनी कामेच्छा को तभी बढ़ा सकते हैं जब आपके शरीर में शुक्राणुओं की संख्या को बढ़ाया जाए। बांझपन के विरुध पुरुषों की सहायता के लिए अश्वगंधा सबसे लाभकारी औषधी है। एक अध्ययन में बताया गया कि यदि 3 महिने तक यदि नियमित रूप से अश्वगंधा का सेवन किया जाता है तो यह पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या में वृद्धि कर सकता है। नियमित रूप से अश्वगंधा का सेवन करने से पुरुषों के यौन स्वास्थ्य में निम्न परिवर्तन आते हैं।
डायबिटीज का इलाज भी आयुर्वेद के जरिए किया जा सकता है। डायबिटीज ग्रस्त चूहों पर अश्वगंधा की जड़ और पत्तों का प्रयोग किया गया था। कुछ समय बाद चूहों में सकारात्मक परिवर्तन नजर आए थे। इस लिहाज से विज्ञान प्रमाणित करता है कि अश्वगंधा से डायबिटीज का इलाज किया जा सकता है।
शोध अध्ययनों से पता चला है कि अश्वगंधा का सेवन प्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत बनाता है। चूहों के ऊपर किए गए प्रयोग में पाया गया कि अश्वगंधा के सेवन से चूहों में लाल रक्त कोशिका और सफेद रक्त कोशिकाओं में भी वृद्धि हुई। इससे यह माना जा सकता है कि आदमी की लाल रक्त कोशिकाओं पर अश्वगंधा के सेवन से सकारात्मक प्रभाव हो सकता है, जिससे एनीमिया जैसी स्थितियों को रोकने में मदद मिल सकती है।