जब मैं किशोर अवस्था में था तो मेरी आँखों की रोशनी धीरे-धीरे कम होने लगी और मुझे चश्मा पहनना पड़ा। पहले चश्मे का लेंस पतला था लेकिन फिर यह मोटा, और मोटा होता चला गया। आंख कई छोटे हिस्सों से बनी एक जटिल ग्रन्थि है, जिनमें से प्रत्येक हिस्सा सामान्य दृष्टि हेतु अनिवार्य है। साफ देख पाने की क्षमता इस बात पर निर्भर करती है कि ये हिस्से परस्पर कितने बेहतर तरीके से काम करते हैं। दृष्टि, एक छवि बनाने के लिए दोनों आँखों के परस्पर उपयोग की क्षमता होती है। सटीक दृष्टि के लिए दोनों आँखें एक साथ आसानी से सटीक एवं बराबर काम करती हैं। आंखों का दर्द एक सामान्य लक्षण है, जिसके कारण डॉक्टर से परामर्श लेना पड़ सकता है। आंखों के दर्द विभिन्न प्रकार के हो सकते हैं-जैसे-जलन, चुभन, आंखों में कुछ पड़ जाने जैसी अनुभूति, दर्द, फड़कन, या अचानक उठनेवाला तेज दर्द आदि। आंखों में दर्द के लक्षण सिरदर्द एवं साइनस के लक्षणों से मिलते हैं, इसलिए आपके लिए इनके बीच अंतर करना कठिन हो सकता है।
कई रोगों के कारण आंखों या इसके आसपास दर्द हो सकता है। अगर आपका दर्द स्थायी और तीव्र हो, या इसके साथ आंखों की रोशनी कम हो गई हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। आंखों के दर्द के कुछ आम कारण हैं-
कंजक्टिविटी(पिंक आई) या पलकों का सूजन
कॉन्टेक्ट लेंस कम्पलीकेशन्स
आंखों में बाहरी किसी चीज का होना
संक्रमण, चोट या कोई अन्य तकलीफ
कार्नियल पर चोट या घाव (बाहरी कोई चीज, घर्षण)
आंखों की सर्जरी
ग्लूकोमा (आंखों पर दबाव बढना)
माइग्रेन का दर्द
साइनस
जल जाना
पलक पर फुंसी (होर्डिओलम)