बदलती जीवनशैली के साथ हमारा खानपान और रहने का तरीक़ा भी बदला है, जिस कारण हमारा शरीर कई बीमारियों का घर बन रहा है। कुछ बीमारियां आम होते हुए भी ख़तरनाक रूप ले लेती हैं और उन्हीं में से एक डायबिटीज़़ (मधुमेह), जो एक बार लग जाए, तो पीछा नहीं छोड़ती। डायबिटीज मिलीटस एक मेटाबॉलिक डिसॉर्डर है। सामान्य स्थिति में हम जो खाते हैं, वह ग्लूकोज में बदलकर खून के जरिए पूरे शरीर में फैल जाता है। इसके बाद इंसुलिन हार्मोन, ग्लूकोज को ऊर्जा में बदलता है। डायबिटीज होने पर शरीर में या तो पर्याप्त मात्रा में इन्सुलिन नहीं बनता या फिर शरीर सही से इन्सुलिन का इस्तेमाल नहीं कर पाता। इस वजह से शरीर शर्करा, स्टार्च व अन्य भोजन को ऊर्जा में बदल नहीं पाता। खून में ग्लूकोज एकत्र होता जाता है। स्वस्थ्य रहने के लिए संतुलित आहार की आवश्यकता हर इंसान को होती है। लेकिन जब आप डायबिटीज से ग्रसित होते हैं, तो यह बात आपके लिए और अधिक आवश्यक हो जाती है। शुगर की बीमारी में भोजन को लेकर कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जैसे कि क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए?
मेथी के बीज और पत्तियां दोनों ही डायबिटीज से लड़ने में मददगार हैं। भरपूर मात्रा में फाइबर होने से पाचन क्रिया धीमी होती है जिससे शरीर में कार्बोहाइड्रेट्स और शुगर के अवशोषण पर नियंत्रण होता है। ये शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल को घटाते हैं। रात को सोने से पहले मेथी के बीज या सुबह मेथी का पानी लेना बहुत फायदेमंद है।
डायबिटीज में सबसे ज्यादा नुकसान सफेद चीनी से होता है। ये रिफाइंड शुगर शरीर में चर्बी जमा देता है। साथ ही खून में मिलकर इंसुलिन बनाने लगता है। इससे रक्त में शुगर का स्तर बढ़ जाता है। ये त्वचा विकार का भी कारण बनता है।
मांसाहारी लोगों को रेड मीट से परहेज करना चाहिए। एक हफ्ते में एक बार से अधिक बिल्कुल ना खाएं। इसकी जगह सी-फूड व चिकन शामिल करें। जिनका कोलेस्ट्रॉल अधिक रहता है, उन्हें अंडे के पीले भाग से बचना चाहिए।